राज्य
28-Nov-2025


मुंबई, (ईएमएस)। मुंबई के कूपर अस्पताल में पिछले पाँच महीनों के दौरान 28 से ज़्यादा मरीज़ अपने बेड से गिर चुके हैं। पिछले हफ़्ते दो बुज़ुर्ग मरीज़ों की बेड से गिरने से मौत हो गई है। इससे मरीज़ों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं और नागरिक, मरीज़ और रिश्तेदार इस बात को लेकर परेशान हैं कि इलाज के लिए हॉस्पिटल जाएँ या नहीं। दरअसल यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है एक आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी से। प्राप्त जानकारी के अनुसार 20 नवंबर को अस्पताल में भर्ती मरीज़ 80 साल की सोनाबाई चव्हाण 23 नवंबर की रात को अपने बेड से गिर गईं। उस दिन रात करीब 8.30 बजे सोनाबाई को खाना देने के बाद उनका बेटा खाना खाने हेतु थोड़ी देर के लिए बाहर चला गया। खाना खाकर लौटने पर अस्पताल प्रशासन ने उनके बेटे को बताया कि सोनाबाई चव्हाण अपने बेड से गिर गई हैं। इसके बाद उन्हें तुरंत आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन, उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और उन्हें दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज बीमारी के लक्षणों की वजह से 24 नवंबर को उनकी मौत हो गई। उस घटना के बाद मरीज़ के रिश्तेदारों का आरोप है कि किसी नर्स या मेडिकल स्टाफ़ ने समय पर उनकी मदद नहीं की। सोनाबाई चव्हाण के रिश्तेदारों ने कहा, जब मरीज़ सोनाबाई चव्हाण का बेटा खाना लेने बाहर गया, तो उस वार्ड में कोई मौजूद नहीं था। अगर बेड पर सही रेलिंग होती, तो वो नहीं गिरतीं। इस घटना से एक हफ़्ते पहले, 17 नवंबर को कूपर हॉस्पिटल में, 52 साल के मरीज़ प्रकाश परब के टॉयलेट में गिरने से सिर में गंभीर चोट लग गई थी। उसके बाद उनकी मौत हो गई। इस बीच, मरीज़ के भाई सुनील परब ने आरोप लगाया, सिर में गंभीर चोट लगने के कारण खून बह रहा था, जबकि डॉक्टर लगभग दो घंटे तक मौजूद नहीं थे। इस घटना के बाद, अस्पताल की सुरक्षा, डॉक्टरों और नर्सों की मौजूदगी और अस्पताल के प्रशासनिक काम में ढिलाई को लेकर चर्चा हो रही है। इसके साथ ही, सुनील परब ने गुस्से में कहा, जब मेरा भाई उस अस्पताल में भर्ती हुआ, तो हमने देखा कि एक बेड पर दो मरीज़ों का इलाज चल रहा था। एक तरफ़ मरीज़ों की संख्या बढ़ रही थी तो दूसरी तरफ़ स्टाफ़ की संख्या कम हो रही थी, जिससे मरीज़ों की जान से खिलवाड़ हो रहा था। साथ ही, सुनील परब ने कहा, मेरा भाई गिर गया, उस दिन डॉक्टर बहुत देर से आए और नर्स होने के बावजूद, गंभीर चोटों के कारण वह डर गई थीं। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, जुलाई से सितंबर 2025 तक इन तीन महीने के दौरान कूपर हॉस्पिटल में कुल 28 मरीज़ बेड से गिरे। इनमें से दो मरीज़ों की मौत हो गई और मरीज़ों के रिश्तेदारों का कहना है कि यह मौत हॉस्पिटल की लापरवाही के कारण हुई। आरटीआई से मांगी गई जानकारी में कहा गया है कि बेड से गिरने का कारण बेड पर सुरक्षित रेलिंग की कमी, मरीज़ों की संख्या के मुकाबले कम बेड उपलब्ध होना और स्टाफ़ की कमी है। * नागरिकों और रिश्तेदारों मांगें ? - टूटी हुई रेलिंग को तुरंत ठीक किया जाना चाहिए। - वॉशरूम और कॉरिडोर को सुरक्षित बनाया जाना चाहिए। - अस्पताल के टॉयलेट साफ रखे जाने चाहिए। - स्टाफ की तुरंत नियुक्ति की जानी चाहिए। - मरीज के गिरने पर इलाज में देरी न हो, इसके लिए जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। स्वेता/संतोष झा- २८ नवंबर/२०२५/ईएमएस