धार (ईएमएस)। भारतीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले सोमवार को धार जिले के खलघाट में राष्ट्रीय राजमार्ग-52 पर चार जिलों के हजारों किसान एकजुट होकर भारी संख्या में धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए। किसानों ने अपनी चार प्रमुख मांगों—कर्ज माफी, एमएसपी की गारंटी का कानून, गौ माता को राष्ट्रीय दर्जा, और भूमि अधिग्रहण कानून में शिथिलता—को लेकर सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू किया है। सुबह से ही खेत-खलिहानों से निकले किसानों का हुजूम खलघाट पहुंचता गया और देखते ही देखते हाईवे किनारे विशाल धरना स्थल बन गया। किसान संगठनों ने कहा कि पिछले कई दिनों से प्रशासन के साथ बातचीत चल रही थी, लेकिन “कोई ठोस हल न निकले” के बाद यह धरना अनिवार्य हो गया। “मांगें नहीं मानी तो धरना अनिश्चितकालीन होगा”—किसान नेता राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के पदाधिकारी गोपाल पाटीदार ने बताया कि किसानों की समस्याएँ वर्षों से लंबित हैं। उन्होंने कहा- “हमने प्रशासन से बार-बार बात की, लेकिन समाधान नहीं मिला। इसलिए यह धरना शांतिपूर्ण रूप से शुरू किया है। यदि सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो यह आंदोलन अनिश्चितकाल तक चलेगा।” धरना स्थल पर किसानों ने हवन भी किया और मुट्ठी भर मिट्टी उठाकर संघर्ष को प्रतीकात्मक रूप से आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। हाईवे जाम न हो, इसलिए रूट डायवर्ट जिला प्रशासन ने बड़ी भीड़ को देखते हुए एनएच-52 पर जाम की स्थिति न बने, इसके लिए वैकल्पिक रूट डायवर्ट कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि यात्रा कर रहे लोगों को असुविधा न हो, इस पर खास ध्यान रखा जा रहा है। पुलिस बल तैनात, स्थिति शांतिपूर्ण धरना स्थल पर सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। पूरे इलाके में पुलिस की निगरानी बढ़ाई गई है। धार के पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने बताया— “स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। किसान शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं, ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस सतर्क है।” किसानों के अनुसार आंदोलन अभी सिर्फ शुरुआत है और जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्यवाही नहीं होती, वे वापस नहीं लौटेंगे। .../ 1 दिसम्बर /2025