राष्ट्रीय
01-Dec-2025
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इंटरनेशनल क्रिमिनल्स कोर्ट ने यूक्रेन युद्ध को लेकर किया है अरेस्ट वारंट जारी नई दिल्ली,(ईएमएस)। रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन भारत आ रहे हैं तो सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत आने पर उनकी गिरफ्तारी होगी? क्योंकि उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया है और यह अरेस्ट वारंट आज से नहीं 2023 से जारी किया गया और युक्रेन युद्ध के लिए उन्हें अपराधी माना गया इसलिए अरेस्ट वारंट जारी किया गया तो इंटरनेशनल क्रिमिनल्स कोर्ट ने जारी किया जिसके बाद से ही चर्चा तेज है कि क्या भारत आने पर पुतिन को गिरफ्तार किया जा सकता है? मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है। 125 देश उसके मेंबर हैं, लेकिन भारत, अमेरिका और चीन जैसे मजबूत और शक्तिशाली देश इसके मेंबर नहीं हैं। ये लगातार देखने को मिला है कि जब से यूक्रेन के साथ युद्ध के बाद से राष्ट्रपति पुतिन ना ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेते हैं ना जी से या जी8 में शामिल होते हैं। उन्हें डर है कि जैसे ही उन देशों की यात्रा पर जाएंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बता दें 4 से 5 दिसंबर को पुतिन भारत के पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे। तेल, डिफेंस और कई रणनीतिक समझौते डील कर सकते हैं। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा कि आखिर पुतिन भारत कैसे आएंगे? किस रूट से आएंगे? भारत कानूनी रूप से बाध्य नहीं है कि वह आईसीसी के वारंट के आधार पर पुतिन को गिरफ्तार करें, लेकिन यह पहली बार नहीं है। 2015 में सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति उमर अल बशीर के खिलाफ भी आईसीसी वारंट था। फिर भी वह भारत आए और भारत ने उन्हें किसी कानूनी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा तो 4 से 5 दिसंबर की यात्रा पुतिन की पूरी तरह से सुरक्षित है। दरअसल, कई देशों के हवाई क्षेत्र यानी एयर स्पेस में प्रवेश करते ही वेसी के अधिकार में आ जाते हैं। इसलिए रूस को ध्यान से रूट चुनना होगा। सूत्रों के आधार पर छह संभावित रूट सामने आए हैं। पहला रूस, तेहरान, भारत, ईरान वाला रूट। दूसरा रूस बाकू अज़रबैजान से भारत आने वाला रास्ता। तीसरा रूस काबुल से भारत आना। चौथा रूस से डायरेक्ट भारत आना। बता दें कुछ समय पहले पुतिन ने एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लिया था। चौंकाने वाली बात यह थी कि उन्होंने यूरोप के ऊपर से 1फीसदी भी एयर स्पेस इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने एक असामान्य लंबा और अत्यधिक घुमावदार रास्ता चुना था, क्योंकि यूरोप के करीब सभी देश आईसीसी के सदस्य हैं। उनके एयर स्पेस में प्रवेश करते ही कानूनी रूप से गिरफ्तारी एक्शन शुरू किया जा सकता है। रूस ने यह रिस्क नहीं लिया और एक ऐसी एयर ट्रेजरी बनाई जो आईसीसी देशों को पूरी तरह से बायपास करती है। बता दें भारत सुरक्षित मेजबान है। पुतिन की यात्रा तय है और अब पूरा फोकस सिर्फ एक चीज पर है पुतिन का रूट। तेहरान से या बाकू से या ताशकंदन से या काबुल से या फिर सीधे भारत की उड़ान जो भी रूट चुना जाएगा यह भारत रूस पार्टनरशिप की अहमियत को और मजबूत करेगा और 4 से 5 दिसंबर की तस्वीरें मोदी और पुतिन एक साथ अमेरिका यूरोप चीन सभी की नजरें होंगी। सिराज/ईएमएस 01दिसंबर25