राष्ट्रीय
03-Dec-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। फ्रांस और भारत के रिश्ते डील के बाद नई दिशा की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। पहले भारतीय सेना ने अपनी स्कवाडन के लिए राफेल को चुना था, अब नौसेना ने भी राफेल को चुना है। भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि भारत फ्रांस से 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की डील को अगले कुछ महीनों में फाइनल करेगा। नौसेना प्रमुख त्रिपाठी ने कहा है कि हमें उम्मीद है कि 2029 तक नेवी को चार राफेल का पहला सेट मिल जाएगा। जुलाई 2023 में ही रक्षा मंत्रालय ने इस खरीद को मंजूरी दे दी थी। पहले चार राफेल मरीन जेट 2029 के अंत तक मिल जाएंगे। इसके बाद 2030 में पांच और 2031 तक बाकी सभी 26 विमान नौसेना में शामिल हो जाएंगे। राफेल एम भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस विक्रांत के लिए उपयुक्त होगा। राफेल एम का इस्तेमाल अभी ग्रीस, इंडोनेशिया और यूएई की सेनाएं कर रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय नौसेना ने अमेरिकी फाइटर जेट एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट को खारिज किया है। दोनों लड़ाकू विमानों का इस साल की शुरुआत में नौसेना ने परीक्षण किया था। नौसेना का मानना ​​है कि राफेल उसकी जरूरतों को काफी हद तक पूरा करता है। नौसेना 43 पुराने रूसी फाइटर जेट मिग-29के और मिग-29केयूबी को अपने बेड़े से हटाना चाहती है। नौसेना के दिमाग में कई विमानों के नाम थे लेकिन अंतिम रेस राफेल एम और एफ-18 के बीच थी। फ्रांसीसी नौसेना के पास वर्तमान में 240 राफेल एम जेट हैं। डसॉल्ट ने इन जेट्स का निर्माण वर्ष 1986 से शुरू किया था। दोनों जेट पहले से ही उन्नत विमान वाहक पर तैनात हैं। आशीष/ईएमएस 03 दिसंबर 2025