-बसपा सुप्रीमो ने कहा- उनकी सुरक्षा के चलते लोगों को होती है परेशानी कोलकाता,(ईएमएस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने महापुरुषों की जयंती-पुण्यतिथि पर उनसे जुड़े स्थलों पर न जाकर अपने निवास स्थान पर या पार्टी कार्यालय में ही श्रद्धा सुमन अर्पित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर की छह दिसम्बर को पुण्यतिथि है। इसके पहले बुधवार को उन्होंने एक पोस्ट में कहा कि महापुरुषों की जयंती-पुण्यतिथि पर उनसे जुड़े स्थलों पर जाने पर उनकी (यानी मायावती) की सुरक्षा के व्यवस्था के चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी वजह से उन्होंने यह तय किया है कि अब उन स्थलों पर नहीं जाएंगी। निवास स्थान या कार्यालय पर ही श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके जीवन संघर्ष से प्रेरणा लेकर उनके कारवां को आगे बढाने का संकल्प लेंगे ताकि बसपा के नेतृत्व में उनके आत्म सम्मान और स्वाभिमान का मूवमेंट सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करके मंजिल की ओर आगे बढ़ा जा सके। मायावती ने पोस्ट में लिखा-‘जैसा कि सर्वविदित है कि यूपी में मेरे नेतृत्व में चार बार बनी बसपा सरकार के दौरान ‘बहुजन समाज’ में समय-समय पर जन्मे उन महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों में भी ख़ासकर महात्मा ज्योतिबा फुले, राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरु, परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर कांशीराम आदि को कई रूपों में भरपूर आदर-सम्मान दिया गया है, जिनकी जातिवादी पार्टियों की रही सरकारों में यहां हमेशा उपेक्षा की गई व उनका तिरस्कार भी किया जाता रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने लिखा कि इस क्रम में परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर पश्चिमी यूपी को छोड़कर, यूपी में पार्टी के लोग व उनके अनुयायी मेरे निर्देशानुसार आगामी 6 दिसम्बर को लखनऊ के विशाल एवं भव्य डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल में और पश्चिमी यूपी, दिल्ली व उत्तराखण्ड स्टेट के लोग नोएडा में स्थित राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में अपने परिवार सहित भारी संख्या में पहुंचकर अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित करेंगे और उनके जीवन संघर्ष से प्रेरणा लेकर उनके कारवां को आगे बढ़ाने का संकल्प भी लेंगे ताकि बसपा के नेतृत्व में उनके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का मूवमेन्ट सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करके मंज़िल की ओर आगे बढ़ सके। धन्यवाद। सिराज/ईएमएस 03दिसंबर25