नई दिल्ली,(ईएमएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चाय बेचने वाले अतीत का मजाक उड़ाने वाला एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) जनरेटेड वीडियो कांग्रेस नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने के बाद राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। इस वीडियो में पीएम मोदी को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चाय बेचते हुए दिखाया गया है, जिसे भाजपा ने उनकी गरीब और ओबीसी पृष्ठभूमि पर हमला करार दिया है। पार्टी ने इसे कांग्रेस की पुरानी कुंठा और अभिजात्य मानसिकता का प्रमाण बताया है। यह विवाद 2014 लोकसभा चुनाव की याद ताजा करा रहा है, जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी के चाय बेचने वाले अतीत पर टिप्पणी करते हुए कहा था, अगर नरेंद्र मोदी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में चाय बेचने आना चाहें तो आ सकते हैं। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रेणुका चौधरी और पार्टी की सोशल मीडिया प्रभारी रागिनी नायक ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से यह वीडियो साझा किया था। वीडियो में पीएम मोदी को चाय की केतली लिए वैश्विक सम्मेलनों में चाय परोसते हुए दर्शाया गया है। भाजपा ने तुरंत इसे पीएम की सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि का अपमान बताया और ओबीसी समुदाय के खिलाफ कांग्रेस की कथित घृणा से जोड़ा। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस एक गरीब, पिछड़े वर्ग से आए व्यक्ति को प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं कर पा रही है। उन्होंने लिखा, नामदारों को यह हजम नहीं हो रहा कि कोई कामदार देश का प्रधानमंत्री बन सकता है। इसलिए ये लोग बार-बार उनका मजाक उड़ाते हैं। पूनावाला ने याद दिलाया कि कांग्रेस नेताओं ने पहले भी पीएम मोदी पर 150 से अधिक बार व्यक्तिगत हमले किए हैं, यहां तक कि उनकी मां तक को अपशब्द कहे गए थे। यह विवाद 2014 लोकसभा चुनाव की याद ताजा करा रहा है, जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी के चाय बेचने वाले अतीत पर टिप्पणी करते हुए कहा था, अगर नरेंद्र मोदी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में चाय बेचने आना चाहें तो आ सकते हैं। उस बयान ने कांग्रेस को भारी राजनीतिक नुकसान पहुंचाया था और भाजपा ने इसे जनता तक प्रभावी ढंग से पहुंचाया था। अब एक बार फिर वही मुद्दा एआई के जरिए सामने आया है, जिसे भाजपा फिर से जनता के बीच ले जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमले हमेशा उल्टा पड़ते रहे हैं। उनकी मेहनत, संघर्ष और ओबीसी पहचान को लेकर जनता में गहरा लगाव है। ऐसे में यह नया वीडियो कांग्रेस के लिए महंगा साबित हो सकता है, खासकर तब जब भाजपा लगातार पीएम मोदी को “कामदार बनाम नामदार” की लड़ाई में जनता के बीच ले जा रही है।