ज़रा हटके
04-Dec-2025
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-इस पीले पत्थर को तोड़ने तरीका आजमाया, लेकिन इसमें खरोंच तक नहीं आई सिडनी,(ईएमएस)। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में रहने वाले डेविड होल खजाना खोजी हैं। उन्होंने मेलबर्न के पास मैरीबरो रीजनल पार्क में साल 2015 में ऐसा पत्थर मिला, जिसने न सिर्फ उन्हें बल्कि वैज्ञानिकों को भी हैरानी में डाल दिया। मेटल डिटेक्टर के साथ खोजबीन करते हुए होल को पीली मिट्टी में दबा एक लाल रंग का, बेहद भारी पत्थर मिला था। इस पत्थर पर पीली मिट्टी लिपटी थी और इलाका गोल्डफील्ड्स का था, तो डेविड को लगा कि अंदर सोने की डल्ली होगी। घर लाकर उन्होंने पत्थर को खोलने की हर मुमकिन कोशिश की। हर तरीका आजमाया, लेकिन पत्थर पर खरोंच तक नहीं आई! मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आखिरकार डेविड थक-हारकर मेलबर्न म्यूजियम ले गए। एक रिपोर्ट के मुताबिक वहां जियोलॉजिस्ट ने एक नजर में पहचान लिया। ये कोई साधारण पत्थर नहीं, बल्कि अंतरिक्ष से आया दुर्लभ उल्कापिंड है। उन्होंने बताया कि इसकी सतह पर गड्ढेदार और पिघला हुआ लुक था। ये तब बनता है जब उल्कापिंड वायुमंडल से गुजरते हुए बाहर से पिघल जाता है और हवा उसे तराशती है। म्यूजियम के दूसरे जियोलॉजिस्ट ने कहा कि धरती पर ऐसा पत्थर उठाओगे तो इतना भारी नहीं लगेगा। ये वजन ही इसकी पहचान है। वैज्ञानिकों ने इस उल्कापिंड का नाम ‘मैरीबरो’ रखा है। टेस्ट में पता चला कि ये 4 से 6 अरब साल पुराना है यानी हमारे सौरमंडल जितना ही पुराना। इसमें दुर्लभ कार्बोनेसियस चोंड्राइट पाया गया, जिसमें अमीनो एसिड भी हैं…यानी जीवन की शुरुआत के केमिकल मौजूद हैं। इसका वजन 17 किलोग्राम था और ये अब मेलबर्न म्यूजियम की सबसे कीमती धरोहरों में से एक है। डेविड होल आज भी हैरान हैं कि सोने की तलाश में उन्हें अंतरिक्ष का इतना बड़ा खजाना मिल गया। उनकी ये खोज 2019 में दुनिया भर के अखबारों में छपी थी और आज भी लोग इसे ‘सोने की बजाय मिला ब्रह्मांड’ कहानी कहते हैं। सिराज/ईएमएस 04 दिसंबर 2025