राष्ट्रीय
05-Dec-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक साक्षात्कार में अमेरिका को खूब खरी-खरी सुना दी। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब खुद अमेरिका रूस से तेल खरीदता और भारत को कहता है तेल खरीदना बंद करो नहीं तो टैरिफ लगा देंगे। ये कौन सी बात हुई? भारत दौरे पर आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका की नीतियों पर सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा है कि अगर रूसी ईंधन अमेरिका खरीद सकता है, तो भारत क्यों नहीं। उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिका की तरफ से भारत को रूसी तेल की खरीद को लेकर निशाना बनाया जा रहा है। इसके चलते भारत पर भारी टैरिफ भी लगाया गया है। उन्होंने कहा, अगर अमेरिका के पास हमसे फ्यूल खरीदने का अधिकार है, तो भारत को इस अधिकार से वंचित क्यों रखा जाना चाहिए। यह बहुत ही बारीकी से अध्ययन करने वाला मुद्दा है। हम राष्ट्रपति ट्रंप के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने और बहस करने के लिए तैयार हैं। पुतिन ने कहा, अमेरिका अपने न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के लिए हमसे न्यूक्लियर फ्यूल खरीदना जारी रखता है। वह भी तो ईंधन है। एनर्जी है। यह न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के लिए यूरेनियम है, जो अमेरिका में काम कर रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति ने रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों के मद्देनजर भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद कम करने के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा, इस वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान कुल व्यापार कारोबार में कुछ गिरावट आई है। यह बस एक मामूली समायोजन है। कुल मिलाकर, हमारा व्यापार कारोबार लगभग पहले के स्तर पर ही बना हुआ है। बातचीत में पुतिन ने कहा कि कुछ वैश्विक ताकतें दुनिया के बाजारों में भारत की बढ़ती ताकत से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि रूसी तेल की खरीद को लेकर पश्चिम की चिंताएं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ फैसला भारत के बढ़ते आर्थित प्रभाव के बारे में चिंता दिखाता है। उन्होंने कहा कि दो देशों के बीच ऊर्जा साझेदारी की बुनियाद लंबी है। उन्होंने कहा, भारत के साथ हमारे ऊर्जा सहयोग पर मौजूदा हालात, राजनीति या यूक्रेन में हो रही घटनाओं का कोई असर नहीं पड़ा है। रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिका के आक्रामक रुख पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, कुछ बाहरी दबावों के बावजूद, न तो मैंने और न ही प्रधानमंत्री मोदी ने कभी भी, किसी के खिलाफ काम करने के लिए हमारी साझेदारी का इस्तेमाल नहीं किया। रूसी राष्ट्रपति की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत-अमेरिका संबंध पिछले दो दशकों में शायद सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं और अमेरिका ने भारतीय सामान पर भारी 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जिसमें रूस से कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत कर भी शामिल है। उन्होंने कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अपना एजेंडा है, अपने लक्ष्य हैं, जबकि हमारा ध्यान अपने ऊपर है - किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि हमारा लक्ष्य अपने-अपने हितों, भारत और रूस के हितों की रक्षा करना है। वीरेंद्र/ईएमएस/05दिसंबर2025