नई दिल्ली,(ईएमएस)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम को चार साल बाद पहली बार दो दिवसीय राज्य यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट पर उन्हें व्यक्तिगत रूप से गर्मजोशी से स्वागत किया, जो कूटनीतिक रस्मों से इतर एक विशेष इशारा था। यह यात्रा 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए है, जो शुक्रवार को हैदराबाद हाउस में आयोजित होगा। पुतिन का यह दौरा यूक्रेन युद्ध के बाद उनका पहला भारत प्रवास है, जो वैश्विक अस्थिरता के बीच दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का महत्वपूर्ण अवसर साबित हो रहा है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस दौरे की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि ऊर्जा, रक्षा और सामरिक क्षेत्रों में रूस भारत का सबसे भरोसेमंद साझेदार रहा है। थरूर ने एक साक्षात्कार में जोर दिया, यह बहुत महत्वपूर्ण यात्रा है। वैश्विक राजनीति के उथल-पुथल भरे दौर में पुराने और विश्वसनीय साझेदारों के साथ रिश्ते और मजबूत करना जरूरी है। रूस के साथ हमारा संबंध दशकों पुराना है, जो हाल के वर्षों में और प्रासंगिक हो गया। तेल-गैस आपूर्ति में रूस प्रमुख स्रोत है, जबकि रक्षा सहयोग का महत्व मई 2025 के ऑपरेशन सिंदूर में एस-400 सिस्टम के जरिए पाकिस्तानी मिसाइलों से दिल्ली जैसे शहरों की रक्षा करते हुए साफ दिखा। थरूर ने भारत की विदेश नीति की रणनीतिक स्वायत्तता पर फिर बल दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि रूस के साथ मजबूत बंधन अमेरिका या चीन जैसे किसी अन्य देश के साथ संबंधों को प्रभावित नहीं करते। भारत अपनी संप्रभुता के आधार पर हितों और साझेदारियों का चयन करता है। किसी को यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि रूस के साथ निकटता किसी अन्य राष्ट्र के खिलाफ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सम्मेलन में रक्षा उत्पादन, व्यापार, विज्ञान-प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, संस्कृति और मानवीय सहयोग जैसे क्षेत्रों में कई समझौते होंगे, जो द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा देंगे। पूर्व भारतीय राजनयिक अरुण सिंह ने भी भारत-रूस संबंधों की निरंतर प्रासंगिकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दशकों से मॉस्को ने राजनीतिक और रक्षा क्षेत्र में भारत का साथ दिया है। बदलते वैश्विक परिदृश्य में भी रूस भारत की रणनीतिक प्राथमिकताओं में अहम स्थान रखता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा वैश्विक ध्रुवीकरण के बीच संतुलित कूटनीति और नई साझेदारियों की जरूरत को रेखांकित करता है। शुक्रवार को पुतिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे, राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे और रूसी चैनल आरटी का भारत संस्करण लॉन्च करेंगे। शाम को रवाना होने से पहले मोदी के साथ व्यापक वार्ता होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके रूसी समकक्ष एंड्री बेलौसोव भी सैन्य सहयोग पर चर्चा करेंगे। अमेरिकी दबाव और यूक्रेन शांति प्रयासों के बीच यह यात्रा रूस के लिए अलगाव कम करने का मौका है, जबकि भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा और हथियार आपूर्ति सुनिश्चित करने का। 2000 से चली आ रही रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने पर यह दौरा विशेष महत्व रखता है, जो दोनों देशों के बीच विश्वास को और गहरा करेगा। वीरेंद्र/ईएमएस/05दिसंबर2025