05-Dec-2025
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रायपुर(ईएमएस)। झारखंड के 38 करोड़ रुपए के चर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब मनी लॉन्ड्रिंग की जांच तेज़ कर दी है। झारखंड एसीबी द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने ईसीआईआर दर्ज कर ली है। इसके बाद रांची स्थित स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने आरोपियों से जेल में पूछताछ की अनुमति भी दे दी है। जांच के अगले चरण में ईडी की टीम जल्द ही छत्तीसगढ़ पहुंचेगी। यहां घोटाले के कथित मास्टरमाइंड अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, और अरुण पति त्रिपाठी सहित अन्य आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। माना जा रहा है कि इस पूछताछ से वित्तीय लेनदेन और नेटवर्क कनेक्शन की कई नई कड़ियां उजागर हो सकती हैं। यह मामला तब प्रकाश में आया जब रांची के अरगोड़ा निवासी विकास सिंह ने एसीबी को शिकायत दी थी। आरोप था कि छत्तीसगढ़ के आबकारी अधिकारियों ने शराब कारोबारियों के साथ मिलीभगत कर झारखंड सरकार को बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान पहुंचाया। प्रारंभिक जांच में एसीबी ने पूर्व आबकारी सचिव विनय चौबे और संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह से कई बार पूछताछ की, जिसके बाद टुटेजा, अनवर ढेबर और अरुण पति त्रिपाठी के नाम सामने आए। एसीबी ने मिले साक्ष्यों के आधार पर सरकार से अनुमति लेकर FIR दर्ज की तथा विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया। मामले में अब तक 22 लोगों को आरोपी बनाया जा चुका है। इधर, ईडी अब मनी लॉन्ड्रिंग की पूरी श्रृंखला की जांच में जुट गई है। एजेंसी पहले ही छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में 3200 करोड़ रुपए से अधिक का स्कैम होने का दावा कर चुकी है। ईडी का आरोप है कि पूर्व भूपेश बघेल शासनकाल में अनिल टुटेजा,एपी त्रिपाठी,अनवर ढेबर सिंडिकेट के जरिए बड़ा घोटाला अंजाम दिया गया था। सत्यप्रकाश(ईएमएस)05 दिसम्बर 2025