राज्य
05-Dec-2025


- मामूली बात पर गुस्से में घर छोडक़र भाग रहे भोपाल (ईएमएस)। बच्चों में घर छोडक़र भागने की प्रवृत्ति बढ़ी है। खासकर संभ्रांत वर्ग के बालकों में। वजह यह कि बच्चे छोटी-छोटी बातों पर रोक-टोक सहन नहीं कर पा रहे। कोई मोबाइल चलाने से रोकने पर घर छोडक़र चला गया तो किसी को पढ़ाई करने के लिए माता-पिता ने डांटा, इसलिए घर छोड़ दिया। बच्चों के इस बदलते व्यवहार को लेकर इन बच्चों को खोजने वाले पुलिस अफसर भी हैरान हैं। यह राजफाश तब हुआ, जब बच्चों को खोजने के लिए एक माह का विशेष अभियान ऑपरेशन मुस्कान चलाया गया। इसमें जिन बच्चों को बरामद किया या जिन बच्चों को पुलिस ने खोजा, उनकी काउंसलिंग की गई। मनोरोग विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चे अटेंशन डेफिसिट हाईपर एक्टिविटी डिसऑर्डर का शिकार हो रहे हैं, जिसके कारण उनकी बर्दाश्त करने की क्षमता बिलकुल कम हो रही है। संभ्रांत वर्ग के बच्चों में यह सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। मनोरोग विशेषज्ञ की राय... बच्चों में हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर की समस्या बढ़ रही है। जिसका सीधा अर्थ है- अत्यधिक चंचलता। जिसके कारण बच्चों में बर्दाश्त करने की क्षमता कम होती जा रही है। ओपीडी में भी ऐसे बच्चों की संख्या बढ़ रही है, जो छोटी-छोटी बातों पर अत्यधिक गुस्सा होते हैं। इस व्यवहार का सिर्फ एक कारण नहीं है। इसके कई कारण हैं, जिसके कारण यह समस्या बच्चों में बढ़ी है। ये हैं कुछ कारण छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में मोबाइल है, दिनभर वह मोबाइल, इंटरनेट मीडिया का उपयोग कर रहे हैं। संयुक्त परिवार नहीं हैं, माता-पिता दोनों काम करते हैं तो उन पर ध्यान देने वाला ही कोई नहीं है। ऐसे बच्चे इंटरनेट को ही अपना साथी मानते हैं, फिर माता-पिता की छोटी-सी रोक-टोक भी उन्हें चुभती है। बच्चों की छोटी-छोटी जिद को पूरी करना भी वजह है। फिर जब उनकी जिद पूरी नहीं होती, तब वह ऐसे रिएक्ट करते हैं। स्कूल में कैसे बच्चों के साथ हैं, यह भी बड़ा कारण हैं। स्मार्ट पैरेंटिंग की जरूरत मनोचिकित्सकों का कहना है कि अब कंट्रोल शब्द हटाकर स्मार्ट पैरेंटिंग पर फोकस करना होगा। कैसे बच्चों को बेहतर तालमेल के साथ अच्छे-बुरे के लिए समझाया जा सकता है। कम से कम एक बार उनके साथ खाना जरूर खाएं, बच्चों के सामने खुद मोबाइल इस्तेमाल न करें, बच्चों के सामने घर में झगड़ा न करें, क्योंकि बच्चे जैसा देखते हैं वैसा करते हैं। बच्चे मोबाइल मांगते हैं तो कई एप हैं, जिनसे यह पता लगा सकते हैं- वह इंटरनेट पर क्या देख रहे हैं। विनोद / 05 दिसम्बर 25