राज्य
05-Dec-2025


- बिजली आपूर्ति स्थिर करने एमपीपीटीसीएल का बड़ा अभियान भोपाल (ईएमएस)। मध्यप्रदेश में ऊर्जा संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन को घटाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (एमपीपीटीसीएल) ने एक व्यापक अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत राज्यभर में 25 हजार पुराने ट्रांसफार्मरों को बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन ट्रांसफार्मरों के स्थान पर आधुनिक, ऊर्जा दक्ष और उच्च क्षमता वाले ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे, जिससे बिजली आपूर्ति को स्थिर करने में बड़ी मदद मिलेगी। कंपनी ने अपने पूरे ट्रांसमिशन नेटवर्क को अधिक टिकाऊ और सुरक्षित बनाने के लिए कई तकनीकी सुधार लागू किए हैं। इसके तहत जहां पुराने और कम दक्ष उपकरण हटाए जा रहे हैं, वहीं सबस्टेशनों को हरित ऊर्जा के साथ जोडऩे की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण सुधार 25 वर्ष से अधिक पुराने ट्रांसफार्मरों को चरणबद्ध तरीके से बदलना है, क्योंकि इन ट्रांसफार्मरों में लोड लॉस ज्यादा होने से ऊर्जा की अनावश्यक खपत होती थी। नए उपकरणों से ट्रांसमिशन लॉस में कमी आएगी वर्ष 2023-24 में एमपीपीटीसीएल ने 220/132 केवी क्षमता वाले 120 एमवीए ट्रांसफार्मरों को हटाकर उनकी जगह 160 एमवीए क्षमता वाले आधुनिक ट्रांसफार्मर लगाए हैं। इसी प्रकार 132/33 केवी ट्रांसफार्मरों को बदलकर 50/63 एमवीए क्षमता वाले नए ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं। इन नए उपकरणों से ट्रांसमिशन लॉस में कमी आएगी, ग्रिड की विश्वसनीयता बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को अधिक स्थिर एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली प्राप्त होगी। ऊर्जा खपत कम करने की दिशा में भी कई बदलाव किए गए हैं। सबस्टेशनों में पहले उपयोग किए जाने वाले पारे, हैलोजन और हाई प्रेशर सोडियम वेपर लैंप को हटाकर अब पूरी तरह एलईडी लाइटिंग अपनाई गई है। एलईडी के उपयोग से लगभग 50 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत हो रही है। कंट्रोल पैनल, चार्जर, ट्रांसफार्मर और स्ट्रीट लाइटिंग में भी परंपरागत बल्बों की जगह एलईडी का उपयोग सुनिश्चित किया गया है। रोशनी को नियंत्रित करने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है, जिसके तहत सबस्टेशनों को केवल आवश्यकता के अनुसार अधिकतम चार घंटे तक ही पूरी क्षमता से रोशन किया जाता है, जबकि गैर-जरूरी लाइटें बंद रखी जाती हैं। इसके अलावा, पुराने प्न्यूमैटिक ड्राइव मैकेनिज्म वाले सर्किट ब्रेकर की जगह स्प्रिंग चार्जिंग मैकेनिज्म अपनाया गया है, जिससे अतिरिक्त बिजली खपत पूरी तरह समाप्त हो गई है। विनोद / 05 दिसम्बर 25