- पांच वर्षों के आंकड़ों को एक वर्ष का बताकर जनता को गुमराह कर रही है कांग्रेस - कांग्रेस के आरोप तथ्यहीन, राजनीतिक हताशा का परिणाम - कांग्रेस शासनकाल में नेशनल हेल्थ मिशन, दवाओं की खरीद व एम्बुलेंस टेंडर में चलती थी रिश्वत - 68 हजार पन्नों के जवाब में एक भी पन्ना ऐसा नहीं, जिसमें घोटाले का उल्लेख हो - स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने ई-टेंडरिंग, ऑडिट और रियल टाइम मॉनीटरिंग होती है - रामेश्वर शर्मा भोपाल(ईएमएस)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व विधायक रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह द्वारा स्वास्थ्य विभाग को लेकर लगाए गए आरोपों को तथ्यहीन और राजनीतिक हताशा का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में नेशनल हेल्थ मिशन, दवाओं की खरीदी और एम्बुलेंस टेंडर में भी रिश्वत चलती थी। कांग्रेस नेताओं द्वारा स्वास्थ, शिक्षा और डिजिटल लाभांश योजनाओं को लेकर लगाए गए आरोप पूरी तरह से भ्रामक, बिना प्रमाण और केवल मीडिया में भ्रम फैलाने के उद्देश्य से लगाए गए हैं। कांग्रेस के नेता आज फिर वही पुराने आरोप लगा रहे हैं, जो पहले भी लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें साबित नहीं कर पाए थे। उन्होंने कहा कि कांगेस के नेताओं के पास आज भी लगाए गए आरोपों को लेकर कोई प्रमाण नहीं है, सिर्फ मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए मिथ्या आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस विधायक द्वारा इतनी बिंदुओं पर जिलेवार जानकारी मांगी गई थी कि वह संपूर्ण जानकारी 68 हजार पन्नों में संकलित हो सकी। लेकिन जिन 68 हजार पन्नों को लेकर कांगेस नेता भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं, उनमें से एक भी पन्ने पर कहीं पर भी घोटाले का उल्लेख नहीं है। स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रियल टाइम मॉनीटरिंग सिस्टम है भारतीय जनता पार्टी के विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पर कांग्रेस नेताओं द्वारा लगाए गए आरोप राजनीतिक नौटंकी है। स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी कार्य ई-टेंडरिंग, ऑडिट ट्रेल और रियल टाइम मॉनीटरिंग सिस्टम के तहत किए जाते हैं। कांग्रेस यह बताने में असफल रही कि विधानसभा में उपलब्ध कराए गए दस्तावेज़ों में किस पन्ने पर घोटाले का उल्लेख है। यदि कहीं अनियमितता हुई है, तो सरकार पहले से जांच और कार्रवाई की प्रक्रिया में है। 28 नवम्बर 2025 को पैथोलॉजी सुविधा हेतु नवीन निविदा जारी की जा चुकी है। वर्तमान में प्रदेश में पैथोलॉजी सुविधा हेतु दो मॉडल संचालित है जिसमें वेटलीज तथा हब एण्ड स्पोक मॉडल सम्मिलित है। वेटलीज अंतर्गत 50 जिला चिकित्सालय तथा 35 सिविल अस्पताल शामिल है, जबकि हब एण्ड स्पोक मॉडल के तहत 324 हब एवं 1610 स्पोक्स कार्यरत है। 28 नवम्बर 2025 को पैथोलॉजी सुविधा हेतु नवीन निविदा जारी की जा चुकी है। विभाग द्वारा 68 हजार पृष्ठो का रिकोर्ड भेजा है उन्होंने कहा कि वस्तुस्थिति यह है कि माननीय विधायक जी द्वारा एग्रीमेंट दिनांक वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने टेस्ट किये गये और कितना मुगतान किया गया एवं बिलो की प्रति जिलेवार, संस्थावार, एजेंसीवार पृथक-पृथक गोसवारा बनाकर दस्तावेजो सहित चाही गई थी। तदनुसार जानकारी प्रेषित की गई जो इतने वृहद स्वरूप की थी। प्रति वर्ष औसतन 2.3 करोड़ जांचें की गईं भारतीय जनता पार्टी के विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश में सात करोड़ से अधिक आबादी वाले प्रदेश में साढ़े पांच साल में सिर्फ 12.48 करोड़ जांचें की गई हैं। यानी एक वर्ष में औसतन 2.3 जांचे हुई हैं। यह जांचें ओ.पी.डी तथा आई.पी.डी दानों ही तरह के रोगियों की है, जिनमें प्रदेश के निवासियों के साथ दूसरे प्रदेश से आने वाले मरीजों की भी जांचें शामिल हैं। प्रति मरीज 500 खर्च किया, निजी पैथालॉजी में यह खर्च आठ से एक हजार तक पहुंचता है भारतीय जनता पार्टी के विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस नेता 943 करोड़ के भुगतान को लेकर मिथ्या आरोप लगा रहे हैं। वस्तुस्थिति यह है कि यह भुगतान साढ़े पांच वर्षों में दो अलग-अलग निविदाओ हेतु किया गया है। यानी प्रतिवर्ष लगभग 171 करोड़ का भुगतान किया गया। औसतन प्रति मरीज 4 टेस्ट किये जा रहे हैं, जिन पर प्रति मरीज 500 रूपयें का खर्च आ रहा है, जबकि निजी पैथोलॉजी में इन जांचों का औसत खर्च लगभग एक हजार रूपए तक पहुंचता है। हरि प्रसाद पाल / 05 दिसम्बर, 2025