क्षेत्रीय
05-Dec-2025
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झाबुआ (ईएमएस)जिले की गुजरात राज्य की सीमा से लगे ग्राम पिटोल में आबकारी विभाग की टीम द्वारा अवैध रूप से रखी हुई मदिरा बरामद की गई है। शराब कारोबारी द्वारा अपनी किराना दुकान की आड़ में अवैध तौर पर शराब छुपा रखी थी, जिसे मुखबिर की सूचना पर आबकारी टीम द्वारा बरामद किया गया। आबकारी विभाग द्वारा दी गई जानकारी अनुसार शराब कारोबारी के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है, किंतु आरोपित भागने में सफ़ल हो गया। सहायक जिला आबकारी अधिकारी महादेव सोलंकी ने उक्त कार्यवाही के बारे में जानकारी देते हुए शुक्रवार को बताया कि जिले में अवैध मदिरा के विक्रय एवं परिवहन पर प्रभावी रोकथाम हेतु संभागीय उड़नदस्ता इंदौर के उपायुक्त संजय तिवारी द्वारा निरंतर कार्यवाही करने के निर्देश के अनुपालन में आज शुक्रवार को आबकारी विभाग द्वारा कार्यवाही को अंजाम देते हुए मुखबिर की सूचना पर आबकारी वृत्त झाबुआ की टीम (आबकारी उपनिरीक्षक विकास वर्मा, आरक्षक मदन राठौड़, विजय चौहान, श्रीमती पुष्पा बारिया तथा वाहन चालक दीपक भूरिया) द्वारा गुजरात सीमा पर स्थित ग्राम पिटोल में दुकान में छुपा कर रखी हुई शराब बरामद की गई है। सोलंकी के अनुसार इस संबंध में मुखबिर से सूचना मिली थी, और सूचना के आधार पर आबकारी उपनिरीक्षक विकास वर्मा द्वारा अपनी टीम के साथ बताए गए स्थान पर दबिश दी गई,और जब किराना दुकान की तलाशी ली गई, तो वहां दुकान की आड़ में मदिरा का अवैध कारोबार करने वाले मंगू मेड़ा की किराना दुकान के पीछे रखी लोहे की पेटी की पेटी में माउन्ट 6000 सुपर स्ट्रांग बियर की 30 पेटी एवं बैगपाइपर व्हिस्की की 09 पेटी, इस प्रकार कुल 39 पेटी (कुल 437.76 बल्क लीटर) अवैध मदिरा पाई गई, जिसे जप्त कर लिया गया। सोलंकी ने बताया कि मौके से आरोपी मंगू पिता फतिया मेड़ा फरार होने में सफल हो गया, किंतु उसके विरुद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 एवं संशोधित अधिनियम 2000 की धारा 34 (1)(क) एवं 34 (2) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। कार्यवाही नवीन प्रावधानों के तहत विडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी के साथ संपन्न की गई। जप्त मदिरा का अनुमानित बाजार मूल्य ₹1,56,240/- है। गुजरात में नशाबंदी होने से गुजरात की सीमा से लगे झाबुआ जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में पिछले लंबे समय से मदिरा के अवैध कारोबार का गौरख धंधा फल फूल रहा है। आबकारी विभाग और मुख्य रूप से पुलिस कर्मी पकड़ा धकड़ी कर शराब के इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने का प्रयास करते हैं, किंतु ऐसा लगता है कि अल्प विराम के बाद कारोबारी फिर से सक्रिय हो जाते हैं, और यही नहीं, बल्कि शराब कारोबारी नये नये रास्ते निकलकर प्रशासन एवं पुलिस को चकमा देने में आखिर सफल होते देखे जाते हैं। ईएमएस/ डॉ. उमेशचन्द्र शर्मा/ 5/12/2028/