बैतूल (ईएमएस)। चिचोली विकासखंड के ग्राम मोतीपुर निवासी श्रीमती रीना अहाके का जिला अस्पताल में सुरक्षित और सफल सिजेरियन प्रसव हुआ है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज कुमार हुरमाड़े ने बताया कि चिचोली विकासखंड के ग्राम मोतीपुर निवासी श्रीमती रीना पति बलराम अहाके उम्र 31 का उप स्वास्थ्य केन्द्र गोधना में प्रथम गर्भावस्था का पंजीयन 8 सप्ताह में किया गया। सीएचओ रोहीत राठौर, एएनएम तारा निरापुरे द्वारा समस्त जांच की गई। जांच के दौरान श्रीमती रीना का बीपी 160/90 पाया गया। श्रीमती रीना को हाई रिस्क में चिन्हांकन किया गया। श्रीमती रीना का बीपी अधिक होने के कारण सतत निगरानी की गई। साथ ही सीएचओ, एएनएम द्वारा प्रतिमाह लगाए जाने वाले प्रधानमंत्री मातृ सुरक्षा अभियान शिविर में स्त्रीरोग विशेषज्ञ के द्वारा जांच के लिए भेजा गया। उन्होंने बताया कि 20 नवंबर 2025 को बीपी और अधिक बढ़ने पर एएनएम, आशा द्वारा श्रीमती रीना को सीएचसी चिचोली में लाया गया। सीएचसी चिचोली में मेडिकल ऑफिसर तथा नर्सिंग ऑफिसर द्वारा उचित उपचार प्रबंधन कर जिला चिकित्सालय रेफर किया गया। जिला चिकित्सालय में जांच उपरांत उक्त महिला को भोपाल के लिए रेफर किया गया था। परन्तु श्रीमती रीना भोपाल जाने को तैयार नहीं हुई, अपने गांव वापस आ गई। एएनएम श्रीमती तारा निरापुरे द्वारा मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश अतुलकर को इस संबंध में जानकारी दी गई। तत्काल ही डॉ राजेश अतुलकर द्वारा श्रीमती रीना की स्थिति के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कुमार हुरमाडे को अवगत कराया गया। डॉ मनोज हुरमाड़े ने सिविल सर्जन डॉ. जगदीश घोरे एवं डीआईओ डॉ. प्रांजल उपाध्याय से चर्चा कर श्रीमती रीना को जिला चिकित्सालय में 05 नवम्बर 2025 को पुनः भर्ती करवाया। समस्त प्रोटोकाल का पालन करते हुए स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा सीजर ऑपरेशन किया गया। श्रीमती रीना ने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। श्रीमती रीना को 11 नवम्बर 2025 को डिस्चार्ज कर दिया गया। अगर समय रहते महिला के हाई रिस्क का चिन्हांकन न किया गया होता तो गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप से मां और बच्चे दोनों के लिए कई जटिलताएं जैसे- प्रीक्लेम्पसिया, स्ट्रोक, बच्चे का समय से पहले जन्म, हृदय और गुर्दे की समस्या का जोखिम, मृत जन्म जैसी हो सकती थीं। स्वास्थ्य विभाग की सजगता एवं सीएमएचओ डॉ मनोज कुमार हुरमाड़े की तत्त्परता, सिविल सर्जन डॉ जगदीश घोरे के सहयोग, डीआईओ डॉ प्रांजल उपाध्याय के दिए गए परामर्श से आज श्रीमती रीना एवं उनका शिशु दोनों स्वस्थ हैं। श्रीमती रीना एवं उनके परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग को धन्यवाद ज्ञापित किया है। ईएमएस/मोहने/ 08 दिसंबर 2025