क्षेत्रीय
09-Dec-2025
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- 5 ग्रामो के ग्रामीणों ने भी जताई आपत्ति - करतली परियोजना को लेकर ग्रामीण अभी से सजग - एसईसीएल से मिल रहे कडुवे अनुभवों को किया साझा - ग्राम सभा की अनुमति को बताया अनिवार्य कोरबा (ईएमएस) कोरबा-पश्चिम क्षेत्र अंतर्गत एसईसीएल की करतली ईस्ट परियोजना को लेकर विरोध के स्वर तेज होने लगे हैं। पाली-तानाखार क्षेत्र के विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम की अगुवाई में प्रभावित 5 ग्राम के ग्रामीणों की बैठक पाली के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हुई। सभी ने एक स्वर में ड्रोन सर्वे का विरोध दर्ज कराते हुए कहा है कि यदि जोर जबरदस्ती की जाएगी तो ग्रामीण इसका डटकर मुकाबला करने को तैयार हैं। मांगों को पूरा करते हुए साफ-सुथरा कार्य करने की अपेक्षा एसईसीएल प्रबन्धन व जिला प्रशासन से जताई गई है। जानकारी के अनुसार परियोजना हेतु ग्राम पुटा तहसील हरदीबाजार की भूमि का अधिग्रहण हेतु सी.बी.ए (कोल बीयरिंग एक्ट) के तहत धारा 9 (1) का प्रकाशन 23.02.2011 एवं धारा 11 का प्रकाशन 14.09.2011 को किया गया है। इसके सम्बन्ध में एसईसीएल कोरबा के नोडल अधिकारी (भू-राजस्व) के व्दारा पत्र प्रदान किया गया है जिसमें एसईसीएल कोरबा क्षेत्र व्दारा 10.12.2025 से 20.12.2025 के मध्य ड्रोन सर्वे कराये जाने की सूचना प्रदान की गई है। इस सूचना के बाद ग्राम पंचायत पुटा, उड़ता, नुनेरा, डोंगानाला, करतली के ग्रामीणों ने ड्रोन सर्वे कराये जाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए विरोध किया है। विधायक सहित ग्रामीणों का कहना है कि एसईसीएल की कोरबा जिले में संचालित अन्य परियोजनाओं के भूविस्थापितों के साथ हो रहे अन्याय को देख रहे हैं। आज वर्षों बाद भी वे अपने नौकरी, मुआवजा, सुविधायुक्त बसाहट को लेकर संघर्ष कर ही रहे हैं किंतु यहां ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। विधायक ने भी उपस्थित अधिकारियों को स्पष्ट कहा है कि सारे काम नियमों के तहत किए जाएं। ड्रोन सर्वे के संबंध में ग्रामीणों ने अपनी आपत्ति जताते हुए कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुविभाग पाली व महाप्रबंधक एसईसीएल कोरबा क्षेत्र के नाम ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया हैं की ड्रोन सर्वे की केवल सूचना दी जा रही हैं, जबकि नियमानुसार ग्राम सभा का अनुमोदन कराना चाहिए। इसके साथ सर्वे हेतु प्रशासन से भी ड्रोन सर्वे की सहमति प्राप्त नहीं की गई है। यह कि ग्राम पुटा की वास्तविक स्थिति एवं ग्रामों की सीमा को देखने हेतु ड्रोन सर्वे कराया जाना अति आवश्यक बताया गया है जबकि ग्रामो की वास्तविक स्थिति एवं सीमा का आंकलन नक्शे के माध्यम से किया जा सकता है। पूर्व में जिन ग्रामों का अधिग्रहण किया गया है, ड्रोन की व्यवस्था न होने के उपरांत भी वास्तविक स्थिति एवं सीमा का आकलन नक़्शे एवं अन्य माध्यम से सफलतापूर्वक किया गया है। ग्राम पुटा की निजी वन एवं राजस्व भूमि का अधिग्रहण किया गया है जिसमें आवासीय क्षेत्र का अधिग्रहण नहीं किया गया है। इस स्थिति में ड्रोन सर्वे के माध्यम से किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर पाना संभव नहीं है। ग्राम पुटा की भूमि का अधिग्रहण आज से 14 वर्ष पूर्व किया जा चुका है, परन्तु आज तक मुआवजा निर्धारण भूमि के मुआवजा राशि का भुगतान एवं भूमि का कब्ज़ा प्राप्त नहीं किया गया है जिससे ग्रामीणों को अनेक प्रकार की विकट समस्याएं निर्मित हो रही है एवं आर्थिक हानि हो रही है। वर्तमान स्थिति में मुआवजा का निर्धारण एवं भूमि का कब्ज़ा नहीं होने की स्थिति में भारत सरकार, मिनिस्ट्री ऑफ कोल के अपर सचिव को पत्र दिनांक 4 अगस्त 2017 के अनुसार लार कानून 2013 यथा संशोधित 2015 के तहत भूमि का मुआवाजा भुगतान करने के संबंध में किसी भी प्रकार की कार्यवाही प्रबन्धन के द्वारा नहीं की जा रही है। जिला प्रशासन व एसईसीएल प्रबन्धन से आग्रह किया गया है कि उपरोक्त सभी तथ्यों पर गौर करते हुए ड्रोन सर्वे पर तत्काल रोक लगाने तथा उल्लेखित समस्याओं का निराकरण कराए जाने हेतु उचित कार्यवाही कराने की कृपा करें। 09 दिसंबर / मित्तल