क्षेत्रीय
09-Dec-2025
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रायगढ़(ईएमएस)। तमनार ब्लॉक के 14 गांवों के ग्रामीणों ने जिंदल पावर लिमिटेड (JPL) की प्रस्तावित कोल माइंस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ग्रामीणों ने किसी भी कीमत पर अपनी जमीन न देने का ऐलान किया है और जनसुनवाई निरस्त करने की मांग पर अड़े हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात रहे। ग्रामीणों के समर्थन में लैलूंगा से कांग्रेस विधायक विद्यावती सिदार भी मौके पर पहुंचीं और उन्होंने जनसुनवाई रद्द करने की मांग की। विरोध प्रदर्शन में ग्रामीणों ने मानव श्रृंखला बनाकर टेंट लगने से रोकने का प्रयास किया। जानकारी के अनुसार, इससे पहले कोरबा में गेवरा खदान में भी ग्रामीणों का प्रदर्शन हुआ था, जहां CISF ने लाठीचार्ज किया और 10 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। रायगढ़ के छाल क्षेत्र और सरगुजा के अमेरा ओपनकास्ट कोल माइंस के खिलाफ भी प्रदर्शन किया गया। तमनार ब्लॉक में प्रस्तावित गारे-पेलमा कोल ब्लॉक सेक्टर-1 के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध 5 दिसंबर से लगातार जारी है। झरना, आमगांव, कोसमपाली, पतरापाली, जांजगीर, गोढ़ी, कसडोल, महलोई, सरसमाल समेत अन्य गांवों के लोग स्कूल मैदान में धरने पर बैठे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रस्तावित खदान से विस्थापन, पर्यावरणीय नुकसान और आजीविका पर संकट का खतरा है। विरोध प्रदर्शन में ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव और गुलेल से हमला किया, जिसमें ASP, थाना प्रभारी समेत लगभग 25 पुलिसकर्मी घायल हुए। वहीं पुलिस ने भी ग्रामीणों पर पत्थरबाजी की। ग्रामीणों का आरोप है कि पब्लिक हियरिंग के लिए तय जगह स्कूल का मैदान था, लेकिन सुनवाई चुपके से मार्केट कॉम्प्लेक्स के अंदर कर दी गई। आंदोलनकारी जयंत बोहिदार ने बताया कि भारत सरकार ने रायगढ़ में जिंदल कंपनी को गारे-पेल्मा सेक्टर-1 खदान आवंटित की है। 24 अक्टूबर को होने वाली जनसुनवाई को ग्रामीणों ने रोक दिया था, लेकिन प्रशासन ने अब फिर से सुनवाई रखी। आसपास के 25 हजार लोग विरोध में मौजूद थे। ग्रामीणों का कहना है कि आदिवासी गांवों में ग्राम सभा की सहमति के बिना कलेक्टर का प्रवेश सही नहीं है। महिला और पुरुष दोनों सक्रिय रूप से विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं और किसी भी कीमत पर जमीन नहीं छोड़ेंगे। सत्यप्रकाश(ईएमएस)09 दिसम्बर 2025