नई दिल्ली,(ईएमएस)। राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर मंगलवार को राज्यसभा में विशेष चर्चा हुई, जो राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में बदल गई। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो लोग वंदे मातरम् का महत्व नहीं समझते, वे इसे चुनावी मुद्दों से जोड़ते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वंदे मातरम् का विरोध नेहरू से लेकर आज तक कांग्रेस नेतृत्व के खून में है। केंद्रीय मंत्री शाह के बयान को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के सोमवार को लोकसभा में दिए बयान से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल प्रियंका गांधी ने कहा था, कि वंदे मातरम् 150 साल से देश की आत्मा का हिस्सा है, फिर भी आज इस पर बहस इसलिए हो रही है क्योंकि बंगाल चुनाव नजदीक है और प्रधानमंत्री उसमें अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं। गृह मंत्री शाह ने कहा, कि जब सदन में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर चर्चा शुरू हुई, तो गांधी परिवार के दोनों सदस्य (राहुल गांधी और प्रियंका गांधी) हाजिर नहीं थे। गृह मंत्री के अनुसार, 100 वर्ष पहले जब यह गीत राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बना, तब पूरा देश ‘बंदी’ था, और आज फिर से यह राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। खड़गे ने कहा- डॉलर के मुकाबले गिरते रुपये पर भी चर्चा हो उच्च सदन में चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, कि सरकार केवल भावनात्मक विषयों पर बहस करवाती है, जबकि डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर होते रुपये, महंगाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा से बचती है। उन्होंने मांग की कि सदन में आर्थिक चुनौतियों पर भी गंभीर चर्चा होनी चाहिए। 150 वर्ष पूरे होने पर सालभर का कार्यक्रम भारत सरकार ने वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर वर्षभर चलने वाला कार्यक्रम घोषित किया है। इसी कड़ी में लोकसभा और राज्यसभा में विशेष चर्चाएँ तय की गई थीं। 2 दिसंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि 8 दिसंबर को लोकसभा और 9 दिसंबर को राज्यसभा में इस विषय पर चर्चा होगी। हिदायत/ईएमएस 09दिसंबर25