-सिंध प्रांत के नेता शफी ने भारत के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कर दिया सबको हैरान इस्लामाबाद,(ईएमएस)। पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने संविधान संशोधन कर असीम मुनीर को परमाणु बमों का एकाधिकार सौंप दिया है, जिसके बाद पाकिस्तान से लेकर विदेशों में भी परमाणु हथियारों को लेकर चिंता होने लगी है। इस बीच सिंध प्रांत के एक नेता ने भारत के पीएम मोदी को पत्र लिखकर दुनिया को हैरान कर दिया है। सिंधी नेता शफी बुरफत ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान एक खतरनाक रूप से अस्थिर दौर में जा रहा है, जिसे वह चरमंपंथी, सैन्य कमांड स्ट्रक्चर कहते हैं। उन्होंने पत्र में लिखा कि पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर को पाकिस्तान के परमाणु बम का मालिक बनाना ना सिर्फ सिंध, बल्कि पूरे इलाके के लिए खतरा है। सिंध नेता ने मानवाधिकार दिवस से एक दिन पहले पीएम मोदी को असीम मुनीर को लेकर पत्र लिखा। इस पत्र में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है। शफी बुरफत, सिंधी नेशनलिस्ट ग्रुप जेय सिंध मुत्ताहिदा महाज के चेयरमैन हैं। उन्होंने ये पत्र उस वक्त लिखा जब पाकिस्तानी संसद ने संविधान में संशोधन कर असीम मुमीर को चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस बना दिया यानि अब पाकिस्तान की नेशनल पॉलिसी से लेकर, इंटरनल सिक्योरिटी और पॉलिटिक्स पर असीम मुनीर का कब्जा हो गया है। यह पत्र एक पॉलिटिकल बयान नहीं है। यह एक चेतावनी है। यह इंसानियत के लिए एक अलार्म है। यह एक ऐसे देश की आवाज है जो एक दबाने वाले, कट्टर और खतरनाक रूप से अस्थिर देश में जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहा है। पत्र में कई बातों का जिक्र करते हुए अंत में लिखा है कि आपकी लीडरशिप लाखों बेगुनाह लोगों की जान बचा सकती है। पीएम मोदी साहब, सिंधी देश पाकिस्तानी गुलामी को पूरी तरह और हमेशा के लिए खारिज करता है। हम जिंदा रहना चाहते हैं। हम इज्जत चाहते हैं। हम एक ऐसे कट्टरपंथी, मिलिट्री वाले देश से आजादी चाहते हैं, जो हमारे देश को दबाता है और दुनिया को खतरे में डालता है। इस पत्र में आगे लिखा है कि सभ्य दुनिया को इस खतरनाक सिस्टम को सामने लाना होगा, उसका सामना करना होगा और उसे खत्म करना होगा। जब तक पाकिस्तान का कट्टरपंथ, आतंकवाद और गैर-जिम्मेदार न्यूक्लियर रवैया खत्म नहीं हो जाता, तब तक उसका होना इस इलाके और दुनिया की शांति के लिए हमेशा खतरा बना रहेगा। हम आपसे इस भरोसे के साथ अपील करते हैं कि भारत, जो न्याय, लोकतंत्र और पुरानी सभ्यता की धरती है, उन दबे-कुचले देशों के साथ खड़ा रहेगा जो ज़ुल्म से आजादी चाहते हैं। सिराज/ईएमएस 11 दिसंबर 2025