करांची(ईएमएस)। पाकिस्तान जहां अफगान सीमा पर चल रहे विवादों में फंसा है वहीं उसे आतंरिक कलहों से भी जूझना पड़ रहा है। ऐसे में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का कथित डिवाइड एंड फ्रैगमेंट (टुकड़े-टुकड़े) प्लान देश को 12 नए प्रांतों में बांटने का है। सरकार इसे बेहतर शासन का नाम दे रही है, लेकिन विशेषज्ञ इसे बांटो और राज करो की पुरानी ब्रिटिश चाल बताते हैं। इससे सिंध-बलूचिस्तान में गुस्सा, गिलगित में फिर बवाल की खबरें आ रहीं हैं। पाकिस्तान की सरकार और सेना मिलकर देश को वर्तमान 4 प्रांतों (पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा) से ज्यादा छोटे-छोटे 12 प्रांतों में बांटने की योजना बना रही है। फेडरल कम्युनिकेशंस मिनिस्टर अब्दुल अलीम खान ने 8 दिसंबर को कहा था कि छोटे प्रांत बनाना जरूरी है, इससे प्रशासन आसान होगा और विकास तेज होगा। लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह आसिम मुनीर की सत्ता मजबूत करने की चाल है। सिंध और बलूचिस्तान जैसे इलाकों में यह प्लान विद्रोह की चिंगारी बन सकता है, जबकि गिलगित-बाल्टिस्तान में पहले से चल रही अशांति और भड़क सकती है। क्या पाकिस्तान फिर 1971 जैसे टूटने की ओर बढ़ रहा है? आइए समझते हैं इस प्लान के पीछे की हकीकत, इलाकों की प्रतिक्रिया और संभावित खतरे। 1947 में पाकिस्तान के पास 5 प्रांत थे, लेकिन 1971 में पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) टूट गया। अब नया प्लान पंजाब को 4 हिस्सों में, सिंध को 2-3 में और बलूचिस्तान को छोटे टुकड़ों में बांटेगा। मुनीर ने हाल ही में 27वें संशोधन से अपनी टेन्योर 5 साल बढ़ाई और आईएसआई चीफ को अपने कंट्रोल में लिया। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह प्लान पीटीआई जैसे विपक्ष को कमजोर करने और सैन्य कंट्रोल बढ़ाने के लिए है।रिपोर्ट के मुताबिक यह योजना विद्रोह बढ़ाएगी, क्योंकि इलाकाई पार्टियां जैसे पीपीपी (सिंध) और एएनपी (पख्तूनख्वा) इसका विरोध करेंगी। मुनीर का यह प्लान टुकड़े-टुकड़े इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह छोटे प्रांत बनाकर केंद्र की सत्ता को मजबूत करेगा, लेकिन अल्पसंख्यक और अलगाववादी समूहों को और उकसाएगा। सिंध, पाकिस्तान का आर्थिक इंजन (कराची यहां है), पहले से ही अलगाव की आग में जल रहा है। पीपीपी की बिलावल भुट्टो ने प्लान को सिंध की साजिश कहा है। सोशल मीडिया पर सिंधुदेश (अलग सिंध देश) की मांग तेज हो गई। 8 दिसंबर को कराची में हजारों ने प्रदर्शन किया, जहां बैनर लगे थे – मुनीर का प्लान सिंधी संस्कृति को मिटाएगा। सिंधी राष्ट्रवादी ग्रुप जैसे जय सिंध मुताहिदा महाज ने कहा कि यह ब्रिटिश डिवाइड एंड रूल है, हम अपनी जमीन नहीं देंगे। दशकों से गायब लोग, जमीन हड़पना, आर्थिक शोषण। सिंध में 80 प्रतिशत आबादी गरीब, लेकिन राजस्व का ज्यादातर हिस्सा इस्लामाबाद जाता है। प्लान से सिंध को 2-3 टुकड़ों में बांटने की बात है, जो पीपीपी की पकड़ कमजोर करेगी। वीरेंद्र/ईएमएस/12दिसंबर2025