-सरकारी अस्पतालों से रेफर मरीजों को दिखाना होगा पर्चा गोरखपुर,(ईएमएस)। एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास अब रोगी सीधे नहीं जा सकेंगे यानी ओपीडी काउंटर पर इन डॉक्टरों को दिखाने के लिए पर्चा नहीं बनेगा। रोग के मुताबिक रोगी को पहले संबंधित विभाग के डॉक्टर को दिखाना होगा। यदि डॉक्टरों को उचित लगेगा तो वह संबंधित विशेषज्ञ डॉक्टर के पास रोगी को रेफर करेंगे। रेफर लिखा पर्चा लेकर रोगी के स्वजन ओपीडी के पंजीकरण काउंटर पर जाएंगे उसे बाद पर्चा बनेगा। हालांकि सरकारी अस्पतालों से रेफर होकर आने वालों मरीजों का पर्चा बन जाएगा। एम्स में गैस्ट्रोएंटेरोलाजिस्ट, गैस्ट्रो सर्जन, न्यूरोलाजिस्ट, न्यूरो सर्जन, कार्डियोलाजिस्ट, कार्डियो थोरेसिक सर्जन और पेन मेडिसिन की ओपीडी चलती है। इन ओपीडी का पर्चा सीधे काउंटर से बन जाता था। इसके बाद रोगी संबंधित ओपीडी में जाकर रजिस्टर पर नाम दर्ज करा देते थे। नंबर के आधार पर डाक्टर उन्हें बुलाकर परीक्षण करते और परामर्श देते थे। सीधे देखने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की ओपीडी में रोगियों की संख्या तकरीबन दो सौ पूरी हो जाती थी। ऐसी स्थिति में इन डाक्टरों को रात तक रोगियों को देखना पड़ता था। ऐसी स्थिति में वह रोगी बहुत ज्यादा परेशान हो थे जिनको विशेषज्ञ डाक्टर से ही उपचार की जरूरत होती थी। ऐसे रोगियों को या तो निराश होकर लौटना पड़ता था या घंटों इंतजार करना पड़ता था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञ डाक्टरों को सीधे न दिखाने की व्यवस्था एम्स में पहले भी लागू थी। रोगियों की सहूलियत के लिए तत्कालीन कार्यकारी निदेशक डा. अजय सिंह ने इसे खत्म कर दिया था। उन्होंने ओपीडी में पंजीकरण का भी समय बढ़ा दिया था। इससे ज्यादा से ज्यादा रोगियों को लाभ मिल रहा था। एम्स की ओपीडी में कई जगह बोर्ड लगाकर सूचना भी दी गई है। इसमें लिखा है एम्स के डाक्टरों के साथ ही सरकारी अस्पतालों की रेफरल पर्ची देने पर विशेषज्ञ डाक्टर की ओपीडी की पर्ची बनेगी। ओपीडी काउंटर पर पहुंचने वाले रोगियों व उनके स्वजन को भी पूरी जानकारी दी जा रही है। कार्यकारी निदेशक, एम्स गोरखपुर डा. विभा दत्ता ने कहा कि रोगियों के उत्कृष्ट उपचार के लिए यह व्यवस्था बनाई गई है। रेफर होकर रोगी आएंगे तो विशेषज्ञ डाक्टर और अच्छे से उनका उपचार करेंगे। इससे इन डाक्टरों के पास भीड़ नहीं रहेगी। सभी को इसमें सहयोग करना चाहिए। सिराज/ईएमएस 12दिसंबर25