झारखंड में बुलडोजर एक्शन, डीआईजी ग्राउंड इलाके में बाउंड्री तोड़ते ही ग्रामीण आक्रोशित रांची,(ईएमएस)। रिम्स परिसर को अतिक्रमणमुक्त करने गुरुवार को प्रशासन ने अभियान तेज किया, लेकिन कार्रवाई के दौरान डीआईजी ग्राउंड इलाके में भारी विरोध देखने को मिला। सुबह से ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जुट गए। बरियातू थाना प्रभारी, दंडाधिकारी और पर्याप्त पुलिस बल की मौजूदगी के बीच जैसे ही टीम आगे बढ़ी, ग्रामीणों ने अतिक्रमण हटाने का विरोध शुरू कर दिया। ग्रामीणों का साफ कहना था कि पहले बड़ी-बड़ी इमारतें तोड़ी जाएं, उसके बाद हम खुद हट जाएंगे। तनाव तब और बढ़ गया जब प्रशासन ने मसना स्थल की घेराबंदी की गई बाउंड्री का एक हिस्सा गिरा दिया। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया और कुछ देर के लिए स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। हालांकि, पुलिस और दंडाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद हालात संभल गए। अब शुक्रवार को डीआइजी क्षेत्र में बड़ा अभियान चलाया, जिसमें पक्के मकानों को तोड़ा गया। विवाद के बीच यह भी साफ दिखा कि प्रशासन ने डीआइजी ग्राउंड में बने किसी भी पक्के निर्माण को नहीं छुआ। कोर्ट के आदेश के बावजूद यहां केवल एक रिक्शा गैरेज जैसे कच्चे निर्माण को हटाकर औपचारिक कार्रवाई की गई, जबकि इस इलाके में कई पक्के अवैध मकान मौजूद हैं और रिम्स की कुल करीब नौ एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है। यह पूरा घटनाक्रम उस समय हुआ जब कोर्ट ने दो दिन पहले ही रिम्स प्रशासन और जिला प्रशासन को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि परिसर से सभी अतिक्रमण 72 घंटे के अंदर हटाए जाएं। इससे पहले भी प्रशासन अचानक अभियान शुरू कर पीछे हट गया था, जिसके बाद कोर्ट ने नाराजगी जताई थी। रिम्स परिसर में अतिक्रमण वर्षों से बड़ा मुद्दा रहा है, जहां मंदिर, दुकानें, घर, गैराज, अस्थायी शेड और कई पक्के निर्माण खड़े हैं। प्रशासनिक ढिलाई और राजनीतिक-सामाजिक हस्तक्षेप के कारण अब तक प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी है। हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद रिम्स की जमीन को पूरी तरह मुक्त कराना जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। सिराज/ईएमएस 12दिसंबर25