12-Dec-2025
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- 15 दिनों में 20 से अधिक राज्यो की खाक छानी - 25 हजार से अधिक किलोमीटर का तय किया सफर - 20 राज्यों की 215 से अधिक पुलिस थानों की टीमो के साथ मिलकर 285 से अधिक अपराधियों पर की कार्यवाही - पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, यूपी, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, बिहार, और झारखंड में एक साथ दी दबिश भोपाल(ईएमएस)। राजधानी भोपाल की क्राईम ब्रांच, पुलिस टीमो ने लंबित अपराधों को लेकर चलाये गये क्लीन स्वीप अभियान के तहत केवल 15 दिनों में, 25 हजार से अधिक किलोमीटर की दूरी तय कर, 20 राज्यों की 215 से अधिक थाना पुलिस टीमो के साथ मिलकर कार्यवाही करते हुए 285 से अधिक अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही की है। अधिकारियो के अनुसार विशेषकर क्राईम ब्रांच और साइबर क्राईम सहित अन्य पुराने अपराधिक मामलों के शीघ्र निराकरण के लिये आला अफसरो द्वारा जरुरी दिशा-निर्देश दिये गये थे। निर्देश मिलने पर क्राईम ब्रांच भोपाल द्वारा क्लीन स्वीप नाम से विशेष अभियान चलाया गया। - लंबे समय से फरार और जॉच में सहयोग न करने वाले आरोपी थे राडार पर नाम, मोबाइल नंबर, आधार, पैन कार्ड, बैंक एकांउट की मदद से तैयार किया डेटाबेस क्राइम ब्रांच एडीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान के अनुसार अभियान का उद्देश्य लंबे समय से फरार या जांच में सहयोग न करने वाले आरोपियों तक पहुँचकर उन्हे कानून के कटघरे तक पहुचाना था। इस अभियान की शुरुआत से पहले आाला अधिकरियो द्वारा लंबित मामलों की समीक्षा की गई। गंभीरता पूर्वक की गई इस समीक्षा में खानापूर्ति न करते हुए, पहले ऐसे आरोपियों के खिलाफ उनके नाम, पते, मोबाइल नंबर के साथ ही उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खातों और अपराध में उनकी भूमिका को लेकर ठोस साक्ष्य जुटाये गये। इस जानकारी के आधार पर सभी अपराधियो का एक डिटेल डेटाबेस तैयार किया गया। * टीमो के लिये “सुगम रूट एप” के जरिये स्मार्ट रूट चार्ट तैयार गए अधिकारियो के अनुसार टीमें का समय व्यर्थ न जायें, इसके लिए तकनीक का सहारा लेते हुए एक विशेष प्लेटफॉर्म के माध्यम से “सुगम रूट एप” के जरिये से जाने एवं आने के लिए अलग-अलग स्मार्ट रूट चार्ट तैयार किए गए। इस स्मार्ट रूट चार्ट का मकसद था, कि टीमें कम से कम समय में अधिक से अधिक स्थानों तक पहुँच सकें और दक्षता के साथ नोटिस तामील या तस्दीक की कार्यवाही कर सकें। * पारंपरिक पुलिसिंग से हटकर इंटेलिजेंस का हुआ उपयोग 380 आरोपी लिये गये टारगेट पर पारंपरिक पुलिसिंग से हटकर ऑपरेशन क्लीन स्वीप की नींव डेटा एनालिटिक्स पर रखी गई। वैज्ञानिक विवेचना और डेटा इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए अफसरो ने पहले लंबित अपराधों की माइक्रो-मॉनिटरिंग की। इसमें केवल उनके नाम-पते ही नहीं, बल्कि आरोपियों के डिजिटल फुटप्रिंट्स जैसे, आधार, पैन कार्ड, बैंक खाते और मोबाइल लोकेशन का विश्लेषण कर एक डेटाबेस तैयार किया गया। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान क्राइम ब्रांच ने 380 आरोपियों को चिन्हिंत किया। * लिस्ट तैयार होने बाद बनाई गई 12 हाई-पावर टीमें ब्रीफिंग के बाद अलग-अलग राज्यो में रवाना किया रवाना इस अभियान की व्यापकता और संवेदनशीलता को ध्यान रखते हुए, क्राइम ब्रांच भोपाल ने रणनीति बनतो हुए 12 विशेष हाई-पावर टीमों का गठन किया गया। हर टीम टीम का नेतृत्व एक उप-निरीक्षक (एसआई) स्तर के अधिकारी को सौंपा गया। साथ ही टीम में एक प्रधान आरक्षक और दो आरक्षकों को तैनात किया गया। इन 12 टीमों के पर्यवेक्षण के लिए 3 निरीक्षकों को विशेष रूप से नियुक्त किया गया। जिन्होंने रोजाना 4-4 टीमों की लगातार मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग सुनिश्चित की। 25 नंवबर 2025 को टीमों को मैदानी में उतारने से पहले पुलिस कंट्रोल रूम में रणनीतिक ब्रीफिंग सत्र रखा गया। इसमें पुलिस अफसरो ने टीम प्रभारियों को उनके निर्धारित रूट के अनुसार केस डायरी, आवश्यक दस्तावेज, नोटिस की हार्ड कॉपी और लॉजिस्टिक्स प्रदान किए। इसके बाद टीमों को उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, यूपी, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, बिहार, और झारखंड सहित देश के कुल 20 राज्यों में एक साथ दबिश देने के लिये रवाना किया गया। *बनाया गया 24x7 कमांड एवं कंट्रोल सेंटर मैदान में मौजूद टीमों से लगातार संपर्क बनाये रखने और किसी भी परिस्थिति में सहयोग करने के लिए क्राईम ब्रांच भोपाल में एक कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया। इस सेंटर में तैनात टीमो ने लगातार चौबीसो सक्रिय रहकर रवाना की गई टीमों के लिए एक बैक-एंड सपोर्ट सिस्टम का काम किया। कमांड एवं कंट्रोल सेंटर का मुख्य उद्देश्य रियल-टाइम प्रॉब्लम सॉल्विंग था। जब भी किसी टीम को किसी राज्य में स्थानीय पुलिस स्टेशन से समन्वय स्थापित करने में कठिनाई हुई, या किसी अपराधी का पता स्पष्ट नहीं हो रहा था, तो कंट्रोल रूम ने तत्काल हस्तक्षेप किया। * कई राज्यो में भाषाई समस्या आने पर की गई मदद आरोपियो का डाटा बेस तुरंत पहुंचाया गया तकनीकी शाखा की मदद से आरोपियों की तस्वीरें, उनकी वर्तमान लोकेशन, और अपराध में उनकी भूमिका से संबंधित सारे इनपुट्स टीमों को फौरन ही उपलब्ध कराए गए। इस दौरान कई टीम को भाषाई समस्या सहित राज्यो की भौगोलिक जानकारी की कमी होने पर परेशानी का सामना करना पड़ा। लेकिन कंट्रोल रूम में तैनात टीमो ने तत्काल ही उन्हें सही मार्गदर्शन और जानकारी दी, जिससे टीमें बिना समय गंवाए अपनी कार्यवाही को अंजाम दे सकीं। * चारो दिशाओ में रहा कार्यवाही का दायरा बीते 15 दिनों के दौरान भोपाल क्राईम ब्रांच की इन हाई-पावर टीमों ने उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल सहित देश के विभिन्न राज्यों में प्रभावी कार्यवाही की। * शानदार रहे परिणाम टीमो के 50 जवानो ने तय किया 25 हजार किलोमीटर का सफर अधिकारियो ने बताया की ऑपरेशन क्लीन स्वीप की मेहनत रंग लाई, और इस विशेष अभियान के बेहतर परिणाम सामने आए हैं। हमने टीमों को 380 नोटिस देकर रवाना किया था, जिनके द्वारा 380 में से 285 नोटिसों को तामील कर कार्यवाही की गई। इस दौरान 12 टीमो में शामिल 50 सदस्यो द्वारा अलग-अलग राज्यो में जाकर कार्यवाही करने के लिये 25 हजार किलो मीटर की यात्रा की गयी। हालांकि इस दौरान पहाड़ी, रेगिस्तानी एवं सुनसान जगह पर नोटिस नोटिस कठिनाई से तामील हो पाये। लेकिन अभियान के दौरान टीमो ने अनेक मुश्किलो का सामना करते हुए आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से 55 नोटिस तामील कराए। वहीं 105 नोटिस आरोपियों की अनुपस्थिति में उनके परिजनों को तामील कराए गए। 35 मामलो में आरोपी या उनके परिजन के घरो पर न मिलने पर यह नोटिस उनके घरों पर नियमानुसार चस्पा किए गए। 90 मामलो के पते गलत पाए जाने या आरोपी के वहां न रहने की स्थिति में मौके पर तस्दीक की कार्यवाही की गई। इस अभियान से ऐसे मामलो के निराकरण की गति बढ़ी है, जो साल 2016 से लंबित है। खास बात यह रही की इस अभियान के दौरान ऐसे आरोपियो को भी इस बार खोज निकाला जो फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर भागने का प्रयास कर रहे थे। * यह रहे नोटिस तामील वाले टॉप फाइव स्टेट टॉप फाइव राज्यो में सर्वाधिक नोटिस तामिल कराने वाली टीमो की कमान संभालने वालो में उनि सुनील रघुवंशी की टीम रही जिसने उत्तरप्रदेश में 32 और जयपुर में 8 सहित 52 वारंट की तामीली कराई। वहीं दूसरे नंबर पर उनि सूरज रंधावा की टीम ने पश्चिम बंगाल में 25 और लुधियाना में 5 सहित 40 वारंट तामील कराये। तीसरे स्थान पर रहीउनि पारस सोनी की टीम ने दिल्ली में19 और अलवर में 5 वारंट सहित 33 वारंटो की तामीली कराई। चौथे नंबर पर सउनि जावेद अली की टीम रही, जिसने झारखण्ड में 18 और कोलकत्ता में 4 वारंट सहित 28 कार्यवाही की। पॉचवे नंबर पर सउनि अनिल तिवारी की टीम रही इस टीम ने राजस्थान में 15 और लखनऊ में 4 सहित 24 वारंट तामीली की कार्यवाही की है। जुनेद / 12 दिसंबर