13-Dec-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने देशभर के कई वर्कर्स यूनियनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर नए श्रम कानून पर चर्चा की। राहुल गांधी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वे उनकी चिंताओं को उठाएंगे और चर्चा को आगे बढ़ाएंगे। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने लिखा, वे (प्रतिनिधि) इन चार नए श्रम कानून को लेकर चिंतित हैं। उनके अनुसार ये कानून वर्कर्स और उनके संगठनों के अधिकारों को कमजोर करने और उनके अधिकारों की आवाज को दबाने के लिए बने हैं। दरअसल केंद्र सरकार ने देश के सभी मजदूरों और कर्मचारियों के लिए 21 नवंबर से चार नए लेबर कोड लागू किए थे। पहले जो 29 अलग-अलग श्रम कानून थे, उनमें से जरूरी बातें निकालकर इन्हें अब 4 आसान और साफ नियमों में बदला गया है। इन नए नियमों का मकसद हर कामगार को समय पर और ओवरटाइम वेतन, न्यूनतम मजदूरी, महिलाओं को बराबर मौका और सैलरी, सोशल सिक्योरिटी, फ्री हेल्थ चेकअप देना है। भारत में पहले 29 अलग-अलग श्रम कानून थे, जो कन्फ्यूजिंग थे। अब इन्हें चार कोड्स में समेटा गया है- कोड ऑन वेजेज (2019), इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड (2020), कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी (2020) और ओएसएचडब्ल्यूसी कोड (2020)। वेज कोड 21 नवंबर 2025 से सक्रिय हो गया है। अगले 45 दिनों में डिटेल्ड रूल्स नोटिफाई होगा। जिसके तहत सभी कंपनियों को अपने सैलरी स्ट्रक्चर को रीस्ट्रक्चर करना होगा। नए कोड्स में मुख्य बदलाव ये है कि बेसिक सैलरी, डियरनेस अलाउंस और रिटेनिंग अलाउंस मिलाकर सीटीसी का 50 प्रतिशत या गवर्नमेंट नोटिफाई होना चाहिए। ये वेजेज की डेफिनेशन को स्टैंडर्डाइज करता है, ताकि पीएफ, ग्रेच्युटी और पेंशन कैलकुलेशन में कंसिस्टेंसी आए। पहले कंपनियां बेसिक को कम रखकर अलाउंस बढ़ा देती थीं, जिससे कंट्रीब्यूशन कम होता था। अब ये ट्रिक काम नहीं करेगी। आशीष दुबे/ 13 दिसंबर 2025