अंतर्राष्ट्रीय
13-Dec-2025


इस कारण भारत को दो एस-400 की डिलेवरी में हो रही देरी वॉशिंगटन,(ईएमएस)। भारत ने पांच एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए रूस के साथ साल 2018 में समझौता किया था। लेकिन सात साल बीतने के बाद भी रूस, सिर्फ 3 एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम ही भारत को दे सका है। बाकी के दो एस-400 के लिए रूस बार बार डिलीवरी की तारीख बढ़ रहा है। अब एक नये रिसर्च पेपर में रूसी एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि यूक्रेन के लिए रूस के एयर डिफेंस प्रोडक्शन को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि रूस की एयर डिफेंस सिस्टम के प्रोडक्शन को काफी कमजोर किया गया है। पता चला है कि रूसी एयर डिफेंस सिस्टम आधुनिक प्रणालियां कई अहम विदेशी तकनीकों, सामग्रियों और सप्लाई चेन पर निर्भर हैं। इन्हीं कमजोर कड़ियों को निशाना बनाकर रूस की वायु रक्षा आधुनिकीकरण प्रक्रिया को गंभीर रूप से बाधित किया जा सकता है। इसमें सबसे बड़ी कमजोरी रूस के माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को बताया गया है। रिसर्चर्स का कहना है कि रूस आज भी रडार, मिसाइल गाइडेंस और एयर डिफेंस कमांड सिस्टम के लिए एडवांस माइक्रोप्रोसेसर, स्पेशल सिरेमिक मैटेरियल और मशीन टूल्स के लिए विदेशी आपूर्ति पर निर्भर है। खास तौर पर बेरिलियम ऑक्साइड सिरेमिक्स और एडवांस चिप्स जैसी सामग्री को एयर डिफेंस सिस्टम के लिए क्रिटिकल होते हैं। रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि अगर इन सामग्रियों और तकनीकों तक रूस की पहुंच को रोका जाए, तब रुस मिसाइल सिस्टम कमजोर पड़ सकता हैं। बताया गया कि रूस की कई डिजाइन और टेस्टिंग प्रक्रियाएं अब भी विदेशी सॉफ्टवेयर टूल्स पर निर्भर हैं, जिनका इस्तेमाल एयर डिफेंस सिस्टम के सिमुलेशन, इंटीग्रेशन और परफॉर्मेंस वैलिडेशन में होता है। इसीलिए इन कमजोरियों का फायदा उठाकर रूस में एयर डिफेंस सिस्टम के प्रोडक्शन को धीमा किया जा सकता है। आशीष दुबे / 13 दिसंबर 2025