अंतर्राष्ट्रीय
13-Dec-2025


वाशिंगटन (ईएमएस)। पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमानों की मरम्मत और अपग्रेड के लिए अमेरिका द्वारा 686 मिलियन डालर का पैकेज जारी करना, भारतीय सैन्य अधिकारियों और विश्लेषकों के अनुसार, यह इस बात का पुख्ता सबूत हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को बहुत गहरी चोट लगी है। लेकिन वहां इस बात को स्वीकार नहीं कर रहा है। दरअसल अमेरिका की डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (डीएससीए) ने इस 686 मिलियन डालर के सस्टेनमेंट और सिस्टम-अपग्रेड पैकेज को मंजूरी दी है। इस पैकेज में शामिल प्रमुख घटक वे हैं जिनके बारे में पहले से ही रिपोर्ट थी कि ऑपरेशन सिंदूर में एफ-16 को नुकसान पहुंचा था। एवियोनिक्स, कम्युनिकेशन और मिशन-सपोर्ट अपग्रेड: इसमें लिंक-16 टैक्टिकल डेटा लिंक सिस्टम, नए सुरक्षित कम्युनिकेशन और क्रिप्टोग्राफिक मॉड्यूल शामिल हैं। ऑपरेशनल फ्लाइट प्रोग्राम (ओएफपी) सॉफ्टवेयर के अपडेट, एडवांस्ड मिशन-प्लानिंग और डीब्रीफिंग सिस्टम। ग्राउंड-बेस्ड टेस्ट इक्विपमेंट, जरूरी स्पेयर पार्ट्स और सपोर्ट आइटम का एक बड़ा स्टॉक है। ओरिजिनल इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनी से इंजीनियरिंग और टेक्निकल सर्विस, सिम्युलेटर सपोर्ट, और डिपो-लेवल मेंटेनेंस सहायता। भारतीय अधिकारियों और रक्षा जानकारों का मानना है कि पैकेज का डिज़ाइन और उसमें शामिल मदें सीधे तौर पर उन उपकरणों और इंफ्रास्ट्रक्चर की श्रेणियों से मेल खाती हैं, जिनके ऑपरेशन सिंदूर से प्रभावित होने की रिपोर्ट पहले आई थी। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी दस्तावेज़ों में शाहबाज, मुशाफ, मिनहास, मसरूर और फैसल जैसे एयरबेस पर तत्काल मरम्मत की जरूरत का जिक्र था। पाकिस्तान ने जो टेंडर जारी किए थे, उनमें संचार नेटवर्क, मिशन-सपोर्ट सर्वर, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, पावर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क, ग्राउंड टेस्टिंग उपकरण और स्टोरेज प्रोसेसर्स के लिए आपात आवश्यकताओं का उल्लेख किया गया था। जानकारों का तर्क है कि अमेरिकी पैकेज में शामिल फंड की श्रेणियां और पहले रिपोर्ट किए गए पाकिस्तानी दस्तावेजों में बताई गई मरम्मत की जरूरतें आपस में मेल खाती हैं। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि ऑपरेशन सिंदूर से एफ-16 ऑपरेशन से जुड़ा बुनियादी ढांचा प्रभावित हुआ था, भले ही पाकिस्तान ने सार्वजनिक तौर पर कोई नुकसान स्वीकार नहीं किया। आशीष दुबे / 13 दिसंबर 2025