काबुल,(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ समय पहले कहा था कि वे अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर नियंत्रण चाहते हैं। ट्रंप ने इसके लिए तालिबान को धमकी और लालच दोनों तरह से प्रभाव में लेने की कोशिश की। लेकिन अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान ने सख्त रुख दिखाकर ट्रंप के विचार को खारिज कर दिया। इसके बाद सवाल उठ रहा है कि ट्रंप को मना करने के बाद तालिबान किस तरह से बगराम का इस्तेमाल कर रहा है। दरअसल तालिबान ने सत्ता हासिल करने के बाद बगराम को अपने सैनिकों के लिए इस्तेमाल करने और विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाने की योजना तैयार की थी। हालांकि 2021 में सत्ता में आने के बाद से वह इसमें बहुत कामयाब नहीं रहा है। एक मीडिया संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में सैटेलाइट इमेज, ओपन-सोर्स डेटा और क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ बातचीत के आधार पर कहा है कि तालिबान इन ठिकानों का बहुत सीमित उपयोग कर पा रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों और विशेषज्ञों के अनुसार तालिबान बगराम का बहुत सीमित इस्तेमाल कर रहा है। तालिबान अधिकारियों ने भी स्वीकार किया है कि इन ठिकानों का आर्थिक रूप से कोई खास उपयोग नहीं है। हालांकि वे दावा करते हैं कि उनका सैन्य बल इन सुविधाओं का उपयोग कर रहा है। इन तस्वीरों में कई ठिकानों पर टैंकों, बख्तरबंद वाहनों और विमानों के पुर्जों को निकालने के प्रयास दिखाई देते हैं। साथ ही नकली विमानों की मौजूदगी देखी गई है। असली विमानों और हथियारों की संख्या यहां सीमित है। पिछले चार वर्षों में वहां बहुत कम सैन्य गतिविधि दिखाती है। ये रनवे कभी अमेरिकी और अफगान युद्धक विमानों से पूरा भरा रहता था। तालिबान सरकार के प्रवक्ता अखुंदजादा अब्दुल सलाम जवाद ने माना है कि उनकी कई प्रस्तावित योजनाएं रद्द कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि तकनीकी मूल्यांकन के बाद हमने यह निष्कर्ष निकाला कि सैन्य सुविधाओं को आर्थिक केंद्रों में बदलने के लिए बड़े पैमाने पर पुनर्निर्माण की आवश्यकता होगी। आशीष दुबे / 13 दिसंबर 2025