ज़रा हटके
14-Dec-2025
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बगदाद,(ईएमएस)। इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन को दुनिया के सबसे खूंखार तानाशाहों में गिना जाता है। उनके शासनकाल में कई मासूमों की हत्या हुई और देश में आतंक का माहौल कायम रहा। लेकिन सद्दाम की क्रूरता सिर्फ हिंसा तक सीमित नहीं थी। एक ऐसा कांड उन्होंने किया, जिसने इतिहास को हैरान कर दिया। कहा जाता है कि उन्होंने अपने खून से कुरान लिखवाई। इसके लिए उन्होंने अपने शरीर से करीब 27 लीटर खून निकवाया और उसी से कुरान के 605 पन्ने तैयार करवाए। सद्दाम हुसैन की क्रूरता के किस्से कई हैं। उनमें से सबसे भयानक था 1988 में कुर्दिश शहर हलब्जा पर उनका रासायनिक हमला। इस हमले में पांच हजार से अधिक लोगों की दर्दनाक मौत हुई। यह नरसंहार इतिहास में सबसे भयानक घटनाओं में गिना जाता है। सद्दाम ने 1996 में अपने बेटे उदय हुसैन पर हुए जानलेवा हमले के बाद अल्लाह के प्रति अचानक गहरा समर्पण दिखाया। इस घटना को उन्होंने चमत्कार माना और खुशी जताने के लिए अपने खून से कुरान लिखवाने का आदेश दिया। इसके लिए उन्होंने कैलीग्राफर को नियुक्त किया और 2-3 साल का समय दिया। इस अवधि में उन्होंने 27 लीटर खून निकालवाया और उसे लाल स्याही में मिलाकर कुरान के पन्नों पर इस्तेमाल किया। इसे बगदाद की एक मस्जिद में रखा गया, लेकिन कई धार्मिक गुरुओं ने इसे पाप करार दिया। डॉक्टरों ने इस पूरे मामले पर सवाल उठाए कि कोई व्यक्ति इतना खून निकालने के बाद जीवित कैसे रह सकता है। हालांकि इतिहास में यह घटना सद्दाम की मानसिक और धार्मिक असामान्यताओं का प्रतीक मानी जाती है। सद्दाम की क्रूरता केवल धार्मिक या प्रतीकात्मक नहीं थी। अमेरिकी सेना से बचने के लिए वह दुजैल में जमीन के अंदर बने एक छोटे और गंदे बिल में छिपे हुए थे। जब उन्हें पकड़ लिया गया, तो उनके छुपने का तरीका देखकर लोग हैरान रह गए कि इंसान कैसे इतने छोटे स्थान में छिप सकता है। आखिरकार 2006 में दुजैल नरसंहार के मामलों में उन्हें दोषी ठहराया गया और फांसी की सजा सुनाई गई। उनकी फांसी का वीडियो लीक हुआ, जिसमें उनके क्रूर और दर्दनाक अंत को देखा गया। सद्दाम हुसैन का जीवन और कार्यकाल इतिहास में तानाशाही, हिंसा और असाधारण विवादास्पद घटनाओं का प्रतीक बनकर रह गया। वीरेंद्र/ईएमएस 14 दिसंबर 2025