नई दिल्ली,(ईएमएस)। कांग्रेस की रविवार को आयोजित रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगाए गए कथित आपत्तिजनक नारों को लेकर सोमवार को संसद में हंगामा हुआ। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस मामले पर कांग्रेस की कड़ी आलोचना करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से सार्वजनिक माफी की मांग की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह की भाषा निंदनीय और शर्मनाक है। संसद सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किरेन रिजिजू ने कहा कि देश की जनता ने स्वयं सुना और देखा कि कांग्रेस की रैली में प्रधानमंत्री के खिलाफ क्या कहा गया। उन्होंने कहा, लोकतंत्र में हम राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हो सकते हैं, लेकिन दुश्मन नहीं। इसके बावजूद कांग्रेस की रैली में प्रधानमंत्री के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक नारे लगाए गए। लोकतांत्रिक मर्यादाओं में इस स्तर की गिरावट पहले कभी नहीं देखी गई। रिजिजू ने कहा कि जब संसद का सत्र चल रहा हो, तब इस तरह की बयानबाजी और भी गंभीर हो जाती है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता को संसद के भीतर और देश की जनता के सामने माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि वर्ष 2014 में जब तत्कालीन भाजपा सांसद निरंजन ज्योति ने विपक्ष के एक नेता के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए उनसे संसद में माफी मंगवाई थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, लोकतंत्र में भाषा का स्तर क्या होना चाहिए, यह सभी राजनीतिक दलों को समझना चाहिए। भाजपा या एनडीए की ओर से कभी किसी नेता के माता-पिता या किसी व्यक्ति की ‘मौत’ की बात नहीं की गई। हम चाहे जितना भी राजनीतिक विरोध करें, एक-दूसरे का सम्मान बनाए रखते हैं। रिजिजू ने आगे कहा कि राजनीतिक संघर्ष अलग बात है, लेकिन किसी व्यक्ति को मारने या उसके खिलाफ हिंसा भड़काने जैसी भाषा का प्रयोग करना खतरनाक मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने सवाल उठाया कि किस तरह की सोच खुले मंच से इस तरह के नारों को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री को न केवल देश के 1.4 अरब लोग, बल्कि पूरी दुनिया दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता के रूप में देखती है। ऐसे में उनके खिलाफ इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणियां बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हैं। अंत में किरेन रिजिजू ने दोहराया कि केवल बयान जारी कर खंडन करना पर्याप्त नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को संसद में आकर देश की जनता से खुलेआम माफी मांगनी चाहिए। हिदायत/ईएमएस 15दिसंबर25