राष्ट्रीय
15-Dec-2025


-ये एयर-टू-एयर मिसाइल, रॉकेट व अत्याधुनिक गन से लैस, एक मिनट में दागेंगे 600 गोलियां नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारतीय सेना लगातार लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही है। एक तरफ जहां हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) भारतीय सेना को तेजस हेलिकॉप्टर डिलिवर करने में देरी कर रहा है। सेना के साथ सौदे के मुताबिक वित्त वर्ष 2025-26 के आखिर तक एचएएल को 10 फाइटर जेट्स और 12 ट्रेनर जेट डिलिवर करने थे, लेकिन रिवाइज्ड टारगेट्स के मुताबिक एचएएल 5 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट और 3 एचटीटी-40 बेसिक ट्रेनर एयरफोर्स को देने का वादा किया है, लेकिन अब भारतीय सेना और नेवी को धुरंधर मिलने जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय सेना को जल्द ही अमेरिका से तीन अपाचे एएच-64 अटैक हेलिकॉप्टर मिलने जा रहे हैं, वहीं भारतीय नौसेना इस हफ्ते एमएच-60आर सीहॉक हेलिकॉप्टरों की अपनी दूसरी स्क्वाड्रन को कमीशन करने जा रही है। इन दोनों हेलिकॉप्टरों की तैनाती से भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना की मारक क्षमता, निगरानी और युद्धक क्षमता में जबरदस्त इजाफा होगा। अपाचे एएच-64 हेलिकॉप्टरों को दुनिया के सबसे घातक अटैक हेलिकॉप्टरों में गिना जाता है। इनको हवा में उड़ने वाला टैंक कहा जाता है। ये हेलिकॉप्टर स्टिंगर एयर-टू-एयर मिसाइल, हेलफायर लॉन्गबो एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल, रॉकेट और अत्याधुनिक गन से लैस होते हैं। इनकी सबसे बड़ी ताकत इनका 30 मिमी चेन गन सिस्टम है, जो एक मिनट में करीब 600 से 650 गोलियां दागने की क्षमता रखता है। भारतीय सेना एचएएल के साथ दो अलग-अलग सौदे 180 से अधिक तेजस हेलिकॉप्टर का सौदा किया गया था, 2025-26 के फाइनेंसियल ईयर के अंत में 22 तेजस डिलिवर होने थे, लेकिन 8 डिलिवर करने का वादा किया है। इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में लगातार देरी हो रही है। दूसरी ओर, भारतीय नौसेना के लिए एमएच-60आर सीहॉक हेलिकॉप्टर समुद्री सुरक्षा का मजबूत हथियार साबित हो रहे हैं। ये हेलिकॉप्टर खासतौर पर पनडुब्बी रोधी युद्ध के लिए जाने जाते हैं। इनमें हेलफायर मिसाइल, एमके-54 टॉरपीडो, प्रिसिजन-किल रॉकेट और अत्याधुनिक सेंसर लगे होते हैं। सीहॉक दुश्मन की पनडुब्बियों को खोजने, ट्रैक करने और नष्ट करने में सक्षम हैं। सिराज/ईएमएस 15दिसंबर25