-‘इतिहास ओ ओइतिज्जो परिषद’ कार्यक्रम में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने कही बात ढाका,(ईएमएस)। भारत-बांग्लादेश में जारी तनाव के बीच भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने कहा है कि नई दिल्ली और ढाका के रिश्ते ‘क्षणिक नहीं, बल्कि हमेशा वाले’ हैं और इन्हें कमजोर नहीं किया जा सकता। उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब कुछ ही घंटे पहले बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने उन्हें तलब कर पूर्व पीएम शेख हसीना के बयानों को लेकर चिंता जताई थी। बता दें बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का आरोप है कि शेख हसीना भारत में रहते हुए ऐसे बयान दे रही हैं जो देश में हिंसा और अशांति भड़का सकते हैं। ये आगामी संसदीय चुनावों को पटरी से उतारने की कोशिश है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसको लेकर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने भारत से हसीना के ‘त्वरित प्रत्यर्पण’ की मांग दोहराई। इन घटनाक्रमों के बीच ढाका में एक अकादमिक और सांस्कृतिक संगठन ‘इतिहास ओ ओइतिज्जो परिषद’ के कार्यक्रम में बोलते हुए प्रणय वर्मा ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच जो रिश्ता है, वह अस्थायी नहीं है, यह रिश्ता खून और बलिदान से बना है और इसे कमजोर नहीं किया जा सकता। यह कार्यक्रम 16 दिसंबर को मनाए जाने वाले विजय दिवस की 54वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया था, जो 1971 के मुक्ति संग्राम में पाकिस्तान पर बांग्लादेश की जीत की याद दिलाता है। प्रणय वर्मा ने कहा कि भारत ने 1971 में बांग्लादेश के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया था और आगे भी एक लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समावेशी बांग्लादेश के निर्माण में उसका समर्थन करता रहेगा। वर्मा ने मुक्ति संग्राम को याद करते हुए कहा कि उस संघर्ष में भारत ने अपने ‘बांग्लादेशी भाइयों और बहनों’ का गर्व के साथ साथ दिया था। उन्होंने कहा कि उस दौरान हजारों भारतीय सैनिकों ने अपनी जान गंवाई और असंख्य घायल हुए। उन्होंने कहा कि अब समय है उन मूल्यों को संजोने का, जिनके लिए वह आजादी की लड़ाई लड़ी गई थी। सिराज/ईएमएस 15दिसंबर25