क्षेत्रीय
15-Dec-2025
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वाराणसी /अयोध्या (ईएमएस) । काशी–तमिल संगमम 4.0 के अंतर्गत अयोध्या पहुंचा महिला प्रतिनिधि दल श्री राम मंदिर परिसर में पहुंचा। इसके पश्चात सभी प्रतिनिधियों ने श्रद्धा एवं भक्ति भाव के साथ श्री राम धाम के दिव्य दर्शन किए। प्रभु श्री राम के सान्निध्य में पहुंचते ही संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत हो गया। दर्शन के दौरान सभी महिला प्रतिनिधियों की आंखों में आंसू थे और मन में गहरी शांति, संतोष एवं आध्यात्मिक आनंद का अनुभव स्पष्ट झलक रहा था। प्रतिनिधियों ने बताया कि राम धाम में प्रवेश करते ही उन्हें एक अलौकिक अनुभूति हुई। प्रभु श्री राम के दर्शन करते समय मन पूर्ण रूप से प्रसन्न, शांत और आध्यात्मिक भावनाओं से भर गया। मंदिर परिसर की भव्यता, दिव्यता और सौंदर्य ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। निसोक मोहिलन ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि प्रभु श्री राम का बाल स्वरूप अत्यंत आकर्षक और जीवंत प्रतीत हो रहा था। उन्होंने कहा कि वह इस अनुभव को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकतीं ऐसा बताते हुए उनकी आंखे नम दिखी, ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो भगवान स्वयं अपने भक्तों से मिलने आए हों। बाल स्वरूप श्री राम के दर्शन करते समय वे प्रभु को निहारती ही रह गईं। उन्होंने राम धाम की भव्यता और मनोहारी स्वरूप की सराहना करते हुए कहा कि यह उनका प्रथम अवसर था और यह अनुभव उनके जीवन के सबसे सुंदर क्षणों में से एक बन गया। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्रालय का आभार व्यक्त किया, जिनके प्रयासों से उन्हें काशी–तमिल संगमम 4.0 के अंतर्गत यह अवसर प्राप्त हुआ। वहीं प्रतिनिधि एन. रेंगनायकिन ने कहा कि काशी–तमिल संगमम 4.0 के माध्यम से उन्हें अपार स्नेह और अपनत्व का अनुभव हुआ। उन्होंने प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्रालय एवं आईआरसीटीसी का धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा हर स्तर पर पूर्ण सहयोग प्रदान किया गया, चाहे वह मंदिरों में दर्शन की व्यवस्था हो या मार्गदर्शन की सहायता। उन्होंने कहा कि अयोध्या में उन्हें घर जैसा अपनापन महसूस हुआ। अंत में उन्होंने “एक भारत–श्रेष्ठ भारत” की भावना के लिए आभार व्यक्त किया। डॉ नरसिंह राम /15 दिसंबर2025