नईदिल्ली में खनन परियोजना के मुद्दे पर केंद्र एवं राज्य सरकार को घेरा भोपाल (ईएमएस)। प्रदेश कांग्रेस ने सिंगरौली खनन परियोजना को लेकर केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय एआईसीसी में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि सिंगरौली में आदिवासियों, पर्यावरण और स्थानीय आबादी के अधिकारों को नजरअंदाज कर अडानी समूह को बड़े पैमाने पर खनन की छूट दी गई है। कांग्रेस नेताओं ने इसे संस्थागत लूट करार देते हुए कहा कि पहले छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य को उजाड़ा गया और अब मध्यप्रदेश के जंगलों की बारी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया, तेलंगाना प्रभारी मीनाक्षी नटराजन, कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य कमलेश्वर पटेल, पूर्व मंत्री बाला बच्चन सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि एक तरफ सरकार ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे अभियान चलाती है, वहीं दूसरी तरफ हजारों-लाखों पेड़ कटवाने की अनुमति दी जा रही है। पार्टी का दावा है कि सिंगरौली के सुलियारी और धिरौली कोल ब्लॉकों में खनन के लिए करीब 2,672 हेक्टेयर जमीन अडानी को दी गई है, जहां लगभग 6 लाख पेड़ काटे जा रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने महज 204 करोड़ रुपए में अडानी को पूरा जंगल सौंप दिया, जबकि इस क्षेत्र में मौजूद कोयले की कीमत लाखों करोड़ रुपए आंकी जा रही है। पार्टी ने कहा कि खदान, संचालन और कोयला उत्पादन सब कुछ एक ही कंपनी के हाथ में देकर नियमों की भावना के साथ खिलवाड़ किया गया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सिंगरौली में भूमि अधिग्रहण के दौरान 2013 के कानून को दरकिनार कर कोल बेयरिंग एरिया एक्ट का इस्तेमाल किया गया, जिससे सरकार को जबरन जमीन लेने का अधिकार मिल जाता है। सुदामा नरवरे/16 दिसंबर 2025