-टीएमसी सांसद ने कहा, इस बिल से राज्यों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा नई दिल्ली (ईएमएस)। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में मनरेगा का नाम बदलने वाला बिल पेश हुआ है। अब इसका नाम वीबी-जी राम जी होगा और इस बिल को लेकर संसद में डिबेट शुरू हो गई है। कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि विधेयक के जरिए केंद्र सरकार के अधिकारों को बढ़ाया जा रहा है, लेकिन उसकी फंडिंग कम हो रही है। उन्होंने कहा कि हर योजना का नाम बदलने की सनक समझ में नहीं आती है। ऐसा जब भी होता है, तब सरकार को पैसे खर्च करने पड़ते हैं। कांग्रेस महासचिक प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि इसमें मजदूरी के दिनों को 100 से 125 दिन करने की बात कही गई है, लेकिन मानदेय बढ़ाने पर कोई बात नहीं हुई है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने महात्मा गांधी का नाम योजना से हटाने का विरोध किया। इस दौरान भाजपा सदस्यों ने कुछ कहा, तब प्रियंका ने कहा कि महात्मा गांधी मेरे परिवार के सदस्य नहीं थे, लेकिन परिवार के मेंबर जैसे ही थे। इस बिल को लेकर सदन में कोई चर्चा नहीं हुई। इसलिए मेरी राय है कि पहले संसद में डिबेट हो और फिर जरूरी सुझावों को शामिल करते हुए नया विधेयक लाया जाए। यह विधेयक कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेश किया, जिस पर संसद में बहस हो रही है। वहीं टीएमसी सांसद सौगत राय ने भी योजना के नामकरण को लेकर आपत्ति जाहिर की। उन्होंने कहा कि भगवान राम पूजनीय हैं, लेकिन महात्मा गांधी वर्तमान में ज्यादा प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि अब जो विधेयक में प्रावधान जोड़े गए हैं, उसके तहत राज्यों पर बोझ बढ़ेगा। इसकारण हम इस बिल का विरोध करते हैं। दरअसल विपक्षी दलों का कहना है कि विधेयक में अब स्कीम की फंडिंग का 40 फीसदी भार राज्य सरकारों पर होगा। इससे पहले यह आंकड़ा 10 फीसदी ही था। इससे इससे राज्यों पर बोझ बढ़ेगा। मनरेगा योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी तीखा विरोध किया। उन्होंने कहा कि चौहान को इसतरह के कृषि मंत्री के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने महात्मा गांधी का नाम हटा दिया था। ऐसा करना गलत और अपमानजनक है। आशीष दुबे / 16 दिसंबर 2025