:: देश भर में 4000 वर्कशॉप, 27 हजार लोगों को सिखाया सुरक्षा का मंत्र :: मुंबई/इंदौर (ईएमएस)। डिजिटल बैंकिंग के दौर में शातिर ठगों के बढ़ते जाल को काटने के लिए देश के सबसे बड़े निजी बैंक, एचडीएफसी बैंक ने एक राष्ट्रव्यापी सुरक्षा महाअभियान छेड़ दिया है। बैंक ने विजिल आंटी के नेतृत्व में अप्रैल 2025 से अब तक पूरे भारत में 4,000 से अधिक विशेष साइबर जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित कर 27,000 से अधिक नागरिकों को डिजिटल सुरक्षा के अभेद्य कवच से लैस किया है। इस अभियान के जरिए स्कूल-कॉलेज के छात्रों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों और स्वयं सहायता समूहों तक को साइबर अपराधियों की चालाकियों को पहचानने और उनसे बचने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। इन इंटरैक्टिव सत्रों में बैंक ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर असल जिंदगी के धोखे और तकनीकी सेंधमारी के उदाहरण साझा किए। कार्यशालाओं में विशेष रूप से बताया गया कि कैसे साइबर अपराधी डर, जल्दबाजी और लालच का मनोवैज्ञानिक हथियार इस्तेमाल कर डिजिटल अरेस्ट, इन्वेस्टमेंट स्कैम और यूपीआई फ्रॉड जैसी वारदातों को अंजाम देते हैं। बैंक ने प्रतिभागियों को आगाह किया कि वे किसी भी अज्ञात स्रोत से मिली एपीके (APK) फाइल को डाउनलोड न करें और संदिग्ध लिंक से दूरी बनाए रखें, क्योंकि ये लिंक अक्सर प्रतिष्ठित संस्थानों या सरकारी विभागों का मुखौटा पहनकर भेजे जाते हैं। एचडीएफसी बैंक के सीनियर एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट (क्रेडिट इंटेलिजेंस एंड कंट्रोल), श्री मनीष अग्रवाल ने इस मुहिम की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा कि आज के दौर में धोखेबाज तकनीक से ज्यादा सोशल इंजीनियरिंग यानी मानवीय भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने सुरक्षा का एक सरल सूत्र देते हुए कहा कि किसी भी संदिग्ध मैसेज या कॉल पर कार्रवाई करने से पहले रुकें, सोचें और वेरिफाई करें। अग्रवाल के अनुसार, जागरूकता ही वह सबसे मजबूत दीवार है जिसे कोई भी साइबर अपराधी नहीं लांघ सकता। बैंक ने ग्राहकों के लिए एक स्पष्ट दिशा-निर्देश भी जारी किया है कि यदि वे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो उन्हें बिना समय गंवाए बैंक को सूचित कर अपने ट्रांजेक्शन मोड ब्लॉक करवाने चाहिए। साथ ही, गृह मंत्रालय की हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करना और नेशनल साइबरक्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करना अनिवार्य बताया गया है। सुरक्षा की इस मुहिम का एकमात्र उद्देश्य नागरिकों को तकनीक के साथ सशक्त और सुरक्षित बनाना है, ताकि वे बिना किसी भय के डिजिटल बैंकिंग का लाभ उठा सकें। प्रकाश/20 दिसम्बर 2025