राज्य
17-Dec-2025
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वाराणसी (ईएमएस)। दो हजार करोड़ रुपये के कफ सीरप तस्करी मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि कफ सीरप की लाखों शीशियों के परिवहन के लिए जिन ट्रकों के नंबरों से ई-वे बिल बनाए गए थे, उनमें से कई ट्रक वास्तव में वाराणसी आए ही नहीं। हैरानी की बात यह है कि जिन ट्रक नंबरों पर कफ सीरप का ई-वे बिल जारी किया गया, वे ट्रक उस दौरान बर्तन लेकर बनारस पहुंचे थे। पुलिस के अनुसार, रांची स्थित शैली ट्रेडर्स से वाराणसी भेजे गए कफ सीरप के लिए कुल 50 इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों की जांच की गई, जिनमें से 27 ई-वे बिल में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। एक दर्जन से अधिक ट्रक चालकों ने पुलिस के सामने बयान दिया कि वे उस समय बर्तन लोड कर वाराणसी आए थे, न कि कफ सीरप। इससे स्पष्ट होता है कि कफ सीरप की खेप कागजों में अलग वाहनों से दिखाई गई, जबकि हकीकत में माल की ढुलाई किसी और तरीके से की गई। जांच में यह भी सामने आया है कि बनारस के कारोबारी इस खेल में एक कदम आगे निकल गए थे। कोतवाली थाने में दर्ज 38 दवा फर्मों के खिलाफ मुकदमों की जांच में पता चला कि आरोपित फर्मों ने आगे सात अन्य कारोबारियों को कफ सीरप भेजा। इन सात कारोबारियों के यहां माल भेजने के लिए जिन वाहनों के नंबरों से ई-वे बिल बनाए गए, वे ई-रिक्शा और बाइक के निकले। इस खुलासे के बाद सात और कारोबारियों की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है। वहीं, कफ सीरप तस्करी के कथित सरगना शुभम जायसवाल और रोहनिया पुलिस द्वारा आरोपित महेश की गिरफ्तारी के लिए पुलिस इनाम की राशि बढ़ाने की तैयारी में है। दोनों पर घोषित 25-25 हजार रुपये के इनाम को बढ़ाकर 50-50 हजार रुपये करने का प्रस्ताव अपर पुलिस आयुक्त के पास भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि जांच में तस्करी की जड़ें अनुमान से कहीं ज्यादा गहरी निकल रही हैं और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।