-सभी सरकारी और निजी संस्थानों में 50फीसदी स्टाफ के लिए वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य नई दिल्ली,(ईएमएस)। दिल्ली के श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने बुधवार को प्रदूषण से निपटने के लिए लागू किए गए ग्रैप-3 और ग्रैप-4 उपायों के कारण बेरोज़गार हुए कंस्ट्रक्शन मज़दूरों के लिए 10,000 मुआवज़े की घोषणा की है। मंत्री ने कहा कि सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थानों को गुरुवार से 50फीसदी स्टाफ के लिए वर्क फ्रॉम होम करना अनिवार्य होगा, नहीं तो कार्रवाई की जाएगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिश्रा ने कहा कि ग्रैप-3 16 दिनों से लागू था और इस दौरान प्रतिबंधित गतिविधियों से प्रभावित मजदूरों को 10,000 का मुआवजा दिया जाएगा। उनहोंने कहा कि सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, जिनकी रोज़ी-रोटी कंस्ट्रक्शन गतिविधियों के बंद होने से प्रभावित हुई है, उन्हें सीधे वित्तीय सहायता मिलेगी। 10,000 रुपए की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। वहीं सरकार ने दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट ऑफिसों में 50फीसदी स्टाफ के लिए वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य कर दिया है। इस उपाय का मकसद गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करना और लोगों को खतरनाक हवा की क्वालिटी से बचाना है। ऑफिसों को फ्लेक्सिबल काम के घंटे लागू करने का भी निर्देश दिया है। जेल, स्वास्थ्य सेवाएं, सार्वजनिक परिवहन, बिजली और अन्य जरूरी विभागों सहित ज़रूरी सेवाओं को इन प्रतिबंधों से छूट दी गई है। सिराज/ईएमएस 17दिसंबर25