ज़रा हटके
18-Dec-2025
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क्योटो (ईएमएस)। जापान के क्योटो शहर के अराशियामा इलाके में, प्रसिद्ध बैंबू फॉरेस्ट के पास स्थित एक छोटा सा मंदिर इन दिनों दुनियाभर के लोगों का ध्यान खींच रहा है। यह मंदिर मिकामी श्राइन कहलाता है और इसकी पहचान इसकी अनोखी मान्यता के कारण है। आमतौर पर मंदिरों में लोग सुख, समृद्धि, सफलता या परीक्षा में पास होने की कामना करते हैं, लेकिन मिकामी श्राइन में श्रद्धालु अपने बालों की सेहत, झड़ते बालों और बेहतर हेयर ग्रोथ के लिए प्रार्थना करने पहुंचते हैं। 1960 में स्थापित इस श्राइन को फुजीवारा उनेमेनोसुके मसायुकी को समर्पित किया गया है, जिन्हें जापान का पहला हेयरड्रेसर माना जाता है। कहा जाता है कि उनके योगदान और कला से प्रभावित होकर सदियों तक जापान में नाई और हेयर सैलून हर महीने की 17 तारीख को अपनी दुकानें बंद रखते थे। यह दिन उनकी पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता था। इसी परंपरा के कारण आज भी देश-विदेश से बड़ी संख्या में बार्बर, हेयर स्टाइलिस्ट और ब्यूटीशियन इस मंदिर में आकर आशीर्वाद लेते हैं और अपने पेशे में सफलता की कामना करते हैं। हाल के दिनों में मिकामी श्राइन तब और चर्चा में आ गया, जब एक ट्रैवलर ने यहां के अपने अनुभव सोशल मीडिया पर साझा किए। इस पोस्ट के वायरल होने के बाद दुनियाभर के लोग इस अनोखे मंदिर के बारे में जानने लगे। शर्विन नाम के इस ट्रैवलर ने बताया कि वह खुद हेयर लॉस की समस्या से जूझ रहे हैं और इसी कारण उन्होंने मंदिर में एक विशेष अनुष्ठान में भाग लिया। यह अनुष्ठान ‘कम्पात्सु’ कहलाता है। कम्पात्सु अनुष्ठान में श्रद्धालु सबसे पहले एक लिफाफा खरीदता है, जिस पर वह अपना नाम और जन्मतिथि लिखता है। इसके बाद शिंतो पुजारी श्रद्धालु के बालों की एक छोटी सी लट काटकर उस लिफाफे में रखता है और बालों की सेहत, मजबूती और वृद्धि के लिए प्रार्थना करता है। यह अनुष्ठान प्रतीकात्मक माना जाता है, जिसमें बालों को जीवनशक्ति और स्वास्थ्य से जोड़ा जाता है। मिकामी श्राइन आज न सिर्फ धार्मिक आस्था, बल्कि सांस्कृतिक परंपरा और आधुनिक जीवन की चिंताओं का भी प्रतीक बन गया है। बालों की समस्याओं से परेशान लोग यहां उम्मीद और विश्वास के साथ आते हैं, और यही वजह है कि यह छोटा सा मंदिर क्योटो के प्रमुख आकर्षणों में शामिल हो गया है। आशीष/ईएमएस 18 दिसंबर 2025