- मांग पूरी न होने पर उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया - प्रताड़ना के चलते उसका गर्भपात तक करा दिया मुजफ्फरपुर (ईएमएस)। दहेज उत्पीड़न के मामलों में न्याय की रफ्तार पर एक बार फिर सवाल खड़े करते हुए मुजफ्फरपुर की अदालत ने साढ़े 12 साल पुराने मामले में पति को तीन साल की सजा सुनाई है। मामला दहेज में टीवी और चार पहिया वाहन की मांग पूरी न होने पर पत्नी को गोली मारने की धमकी देने और गर्भपात कराने से जुड़ा है। लंबे सत्र-विचारण के बाद अदालत ने आरोपित पति नरेंद्र कुमार सिंह को दोषी करार देते हुए कारावास की सजा सुनाई। यह फैसला एडीजे-20 कोर्ट द्वारा सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार ने अदालत में चार गवाह पेश किए। इस मामले में 31 अक्टूबर 2013 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था, लेकिन फैसला आने में पूरे 12 साल लग गए। इस बीच पीड़िता न्याय की आस में वर्षों तक अदालतों के चक्कर लगाती रही। मामले की शुरुआत वर्ष 1998 में हुई शादी से जुड़ी है। पीड़िता अनामिका कुमारी ने वर्ष 2013 में काजीमोहम्मदपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया था कि शादी के बाद से ही पति नरेंद्र कुमार सिंह उस पर दहेज में टीवी और चार पहिया वाहन लाने का दबाव बनाता था। मांग पूरी न होने पर उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। प्राथमिकी के अनुसार, आरोपित ने कई बार पत्नी को मारपीट कर सीतामढ़ी भेजने की धमकी दी और यहां तक कहा कि अगर दहेज नहीं मिला तो गोली मार देगा। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया था कि दबाव और प्रताड़ना के चलते उसका गर्भपात तक करा दिया गया। अदालत ने साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर पति को दोषी मानते हुए तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।