ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश में हालिया घटनाक्रमों ने देश की सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता पर गहरा संकट खड़ा कर दिया है। शरीफ उस्मान बिन हादी की हत्या के बाद अब नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) नेता मोतालेब सिकदार पर हुए हमले ने अंतरिम सरकार की कानून व्यवस्था के लिए सवाल खड़ा कर दिया है। बांग्लादेश में नेशनल सिटीजन पार्टी (जातीय नागरिक पार्टी) एक उभरती हुई राजनीतिक शक्ति है। इसकी स्थापना हाल ही में 28 फरवरी 2025 को हुई थी। यह पार्टी जुलाई 2024 के उस छात्र-जनता आंदोलन की उपज है, जिसने शेख हसीना की 15 साल पुरानी सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था। इस आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक और वर्तमान अंतरिम सरकार में सूचना एवं प्रसारण सलाहकार नाहिद इस्लाम इस वैचारिक धारा के बड़े नेता माने जाते हैं। इस एक सेंट्रलिस्ट (मध्यमार्गी) पार्टी माना जाता है, जो अवामी लीग के प्रभाव को पूरी तरह समाप्त करने और देश में नए लोकतांत्रिक ढांचे के निर्माण की वकालत करती है। ताजा हमला मोतालेब सिकदार एनसीपी के खुलना डिविजनल प्रमुख और पार्टी के केंद्रीय आयोजक पर हुआ हैं। सोमवार को उन्हें सिर में गोली मारी गई। वर्तमान में वह अस्पताल में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। हादी की हत्या के तुरंत बाद एक और हाई-प्रोफाइल नेता पर हमले ने जनता के बीच भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। बांग्लादेश के भीतर इस समय राजनीतिक दल एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है। बीएनपी नेता निलोफर चौधरी मोनी के बयानों ने जमात-ए-इस्लामी को संदेह के घेरे में खड़ा कर दिया है। आरोप है कि हादी के हत्यारे को कानूनी संरक्षण और जमानत दिलाने में जमात से जुड़े वकीलों का हाथ था। पुलिस द्वारा मुख्य संदिग्धों के बारे में जानकारी न होने की बात स्वीकार करना प्रशासन की कमजोरी को दर्शाता है। उस्मान हादी की हत्या के बाद इंकलाब मंच और उनके समर्थकों द्वारा किए जा रहे उग्र प्रदर्शनों ने सरकार को बैकफुट पर धकेल दिया है। ये घटनाएं संकेत दे रही हैं कि शेख हसीना के जाने के बाद जो शक्ति शून्य पैदा हुआ था, उसे भरने की कोशिश में विभिन्न गुटों के बीच हिंसक संघर्ष शुरू हो गया है। आशीष दुबे / २२ दिसंबर 2025