-पहले चंद्र ग्रहण में सिंह राशि वालों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा नई दिल्ली,(ईएमएस)। साल 2026 कई मायने में अलग होगा। इस साल होली पर 100 साल बाद चंद्र ग्रहण लगेगा। दरअसल साल 2026 का पहला चंद्र ग्रहण 3 मार्च को लगेगा और इस दिन पूरे भारत में होली मनाई जाएगी। वैदिक ज्योतिष के मुताबिक ग्रहण पृथ्वी के किसी भी क्षेत्र में लगे लेकिन उसका प्रभाव पशु-पक्षी, इंसान, प्रकृति समेत पूरी दुनिया पर पड़ता है। होली पर चंद्र ग्रहण होना बेहद दुर्लभ संयोग माना जा रहा है। बता दें साल 2026 में कुछ चार ग्रहण लगेंगे, जिनमें 2 चंद्र ग्रहण और 2 सूर्य ग्रहण होंगे। साल 2026 का चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि पर लगेगा, जो होलिका दहन का मुख्य दिन होता है। यह ग्रहण भारत के कुछ राज्यों में दिखाई देगा। शास्त्रों के मुताबिक ग्रहण में कई धार्मिक नियमों का पालन किया जाता है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या इस दिन होलिका दहन कब होगा। पूजा-पाठ कैसे होगा और सूतक काल का क्या असर पड़ेगा। 2026 के पहले चंद्र ग्रहण के समय, चंद्रमा सिंह राशि में केतु के साथ होंगे। ऐसे में सिंह राशि वालों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा, साथ ही यह ग्रहण 100 साल बाद होलिका दहन पर लगने जा रहा है। साल 2026 का पहला चंद्र ग्रहण 3 मार्च दिन मंगलवार को लगेगा। यह एक खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत के कुछ क्षेत्रों में दिखाई देगा। होलिका दहन के दिन चंद्र ग्रहण की शुरुआत दोपहर 3 बजकर 20 बजे से लेकर शाम 6 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। इस ग्रहण की कुल अवधि लगभग 3 घंटे 27 मिनट की रहेगी। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा, इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल भी मान्य होगा, ग्रहण लगने से ठीक 9 घंटे पहले इसका सूतक काल भारत में लागू हो जाएगा। खास बात यह है कि भारत में चंद्रोदय होने से पहले ही चंद्र ग्रहण खत्म भी हो जाएगा। इसलिए होलिका दहन पर लगने वाला यह चंद्र ग्रहण ग्रस्तोदय ग्रहण कहा जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक चंद्र ग्रहण से पहले सूतक काल शुरू हो जाता है, जिसमें मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और शुभ कार्यों को टाल दिया जाता है। हालांकि यह भी माना जाता है कि चंद्र ग्रहण का सूतक केवल गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बीमार लोगों के लिए ज्यादा अहम होता है, आम लोगों पर इसका असर सीमित माना जाता है। फिर भी कई परिवार परंपरा के मुताबिक नियमों का पालन करते हैं। खगोलीय नजरिए से देखें तो चंद्र ग्रहण एक सामान्य प्राकृतिक प्रक्रिया है, जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। वैज्ञानिक इसे पूरी तरह सुरक्षित और सामान्य घटना मानते हैं, लेकिन भारत जैसे देश में जहां त्योहार और आस्था जीवन का हिस्सा हैं, ऐसे संयोग भावनात्मक रूप से ज्यादा असर डालते हैं। 2026 में पड़ने वाले 4 ग्रहण * पहला सूर्य ग्रहण 17 फरवरी मंगलवार को लगेगा, यह भारत में दिखाई नहीं देगा। *दूसरा सूर्य ग्रहण 12 अगस्त बुधवार को लगेगा, यह भारत में दिखाई नहीं देगा। *पहला चंद्र ग्रहण 3 मार्च मंगलवार को लगेगा, यह चंद्र भारत में दिखाई देगा। *दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अगस्त शुक्रवार को लगेगा, यह भारत में दृश्यमान नहीं होगा सिराज/ईएमएस 23 दिसंबर 2025