राष्ट्रीय
23-Dec-2025
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नई दिल्ली(ईएमएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा भारत को हिंदू राष्ट्र बताए जाने के बाद देश में एक नई वैचारिक और राजनीतिक बहस छिड़ गई है। कांग्रेस नेता उदित राज ने इस बयान पर कड़ा ऐतराज जताते हुए संघ प्रमुख को सीधी चुनौती दी है। उन्होंने भागवत के बयान को असंवैधानिक और राष्ट्रविरोधी करार देते हुए कहा कि भारत में कोई हिंदू राष्ट्र नहीं है और अगर संघ प्रमुख में सामर्थ्य है, तो वे ऐसा करके दिखाएं। उदित राज का तर्क है कि इस तरह की बयानबाजी देश के लोकतांत्रिक ढांचे और संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि संघ और उससे जुड़े संगठन अब तक दूसरों के माध्यम से ऐसी बातें कहलवाते थे, लेकिन अब संघ प्रमुख ने खुद खुलकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। उन्होंने कहा कि इनके दिल में कुछ और है और जुबान पर कुछ और, लेकिन आखिरकार सच सामने आ ही गया। उदित राज ने पश्चिम बंगाल के नेता हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखने जैसे बयानों को भी इसी रणनीति का हिस्सा बताया। उन्होंने दावा किया कि ऐसे नेता और भाजपा एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने हुमायूं कबीर को भाजपा की बी टीम बताते हुए कहा कि यह सब हिंदू-मुसलमान ध्रुवीकरण के जरिए चुनाव जीतने की एक सोची-समझी साजिश है ताकि कुछ लोगों को पैसा और शोहरत मिल सके। दूसरी ओर, मोहन भागवत ने अपनी विचारधारा को स्पष्ट करते हुए कहा था कि हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है और इसके लिए किसी संवैधानिक मुहर की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने सूर्योदय का उदाहरण देते हुए तर्क दिया कि जैसे सूर्य के उदय होने के लिए किसी की मंजूरी नहीं चाहिए, वैसे ही भारत का हिंदू राष्ट्र होना एक शाश्वत सत्य है। भागवत के अनुसार, जो भी भारत को अपनी मां मानता है और यहां की संस्कृति का सम्मान करता है, वह इस विचार का हिस्सा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ शब्दों या संविधान संशोधन की चिंता नहीं करता, क्योंकि उनकी दृष्टि में जब तक भारतीय अपनी विरासत और पूर्वजों के गौरव को मानते हैं, तब तक भारत हिंदू राष्ट्र बना रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जन्म आधारित जाति व्यवस्था हिंदुत्व की पहचान नहीं है। वीरेंद्र/ईएमएस/23दिसंबर2025 ------------------------------------