- विश्व हिन्दी परिषद के महासचिव डॉ विपिन कुमार के नेतृत्व में दिल्ली से चलाएंगे डॉ हरी सिंह गौर को भारतरत्न दिलाने की मुहिम देवरी/सागर (ईएमएस)। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति तथा डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के संस्थापक कुलपति, विधिवेत्ता, स्वतंत्रता सेनानी, महान शिक्षाविद डॉ हरिसिंह गौर को भारतरत्न सम्मान प्रस्ताव तथा स्वयं द्वारा संपादित 36 पुस्तकों को विश्व हिन्दी परिषद के महासचिव डॉ विपिन कुमार के नेतृत्व में नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा सौंपने हेतु डॉ सीताराम आठिया ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री को पत्र भेजकर समय देने हेतु पत्र भेजे हैं। पत्रों की एक प्रति सभी को स्पीड पोस्ट से भेजने के साथ ही ईमेल, एक्स हैंडल तथा फेसबुक से टैग भी की है। डॉ आठिया ने महासचिव डॉ विपिन कुमार तथा स्थानीय सांसद डॉ लता वानखेड़े को भी पत्र भेजकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री से मिलने हेतु समय दिलाने बाबत पत्र भेजे हैं। प्रतिनिधि मंडल में डॉ सीताराम आठिया- प्रदेश अध्यक्ष विश्व हिन्दी परिषद म प्र तथा प्रधान संपादक 501 पुस्तक श्रृंखला, सागर मप्र , नेहा राठी- उप निदेशक, राज्यसभा, संसद भवन, नई दिल्ली, डॉ अपराजिता जॉय नंदी, सहायक प्राध्यापक, रायपुर, डॉ अम्बे कुमारी - सहायक आचार्या, मगध विश्वविद्यालय बोधगया, डॉ चंद्रा सिंह चौहान, असिस्टेंट प्रोफेसर, शिकोहाबाद उप्र, योगेश गहतोड़ी यश- ज्योतिषाचार्य नई दिल्ली, प्रभात कुमार- शिक्षा निदेशालय दिल्ली, विनोद कुमार - संपादक , कानपुर होंगे। बता दे कि साहित्य को बढ़ावा देने के उदेश्य से डॉ सीताराम आठिया द्वारा 8 मार्च 2024 को दीपशिखा 501 पुस्तक श्रृंखला निशुल्क प्रकाशन योजना प्रारंभ की थी, जिसमें उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान देने वाले साहित्यकारों को ही इस प्रतिनिधि मंडल में शामिल किया गया है। डॉ विनोद कुमार ने श्रृंखला की 10 पुस्तकों में संपादन कार्य किया है तथा उनका लक्ष्य 101 पुस्तकों में संपादन कार्य का है। इसी प्रकार डॉ अपराजिता जॉय नंदी, डॉ अम्बे कुमारी तथा योगेश गहतोड़ी यश ने दो दो पुस्तकों में संपादन के साथ ही 25- 25 आलेख श्रृंखला की पुस्तकों में प्रकाशित हो चुके हैं तथा समस्त 501 पुस्तकों में आलेख भेजने हेतु अपने टॉपिक आरक्षित करा लिए हैं । इसी प्रकार डॉ चंद्रा सिंह चौहान, नेहा राठी तथा प्रभात कुमार ने भी दो दो पुस्तकों में संपादन कार्य के साथ श्रृंखला की आने वाली प्रत्येक पुस्तक में अपने आलेख भेजते हैं । आप दोनों के भी 25=25 आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। साहित्यकारों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर श्रृंखला की जितनी भी पुस्तकें प्रकाशित होंगी, इसी तरह उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान देने वाले साहित्यकारों को प्रतिनिधि मंडल में शामिल करके राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री से भेंट कराएंगे। भेंट के दौरान प्रतिनिधि मंडल डॉ हरिसिंह गौर को भारतरत्न सम्मान दिलाने बाबत प्रस्ताव भी सौंपेंगे। डॉ हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय भारतरत्न कमेटी के सदस्य डॉ आठिया ने बताया कि सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक, स्वतंत्रता सेनानी, महान् विद्वान, शिक्षाशास्त्री, ख्याति प्राप्त विधिवेत्ता, समाज सुधारक, साहित्यकार, महादानी जिनके एकमात्र दान से डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर की स्थापना की गई है तथा संविधान सभा के सदस्य डॉ. सर हरीसिंह गौर का देश, समाज, शिक्षा के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान रहा है। डॉ. हरीसिंह गौर ब्रिटिश भारत के सबसे अधिक शिक्षित् एवं ज्ञानवान् व्यक्तित्व थे। उनकी उपलब्धियाँ असीमित हैं। संविधान सभा में शामिल व्यक्तियों में डॉ. गौर ही एकमात्र प्रख्यात वकील, शिक्षाविद्, समाज सुधारक, उत्कृष्ट कवि एवं उपन्यासकार थे। वह देश की प्रतिष्ठित दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रथम तथा 1928 एवं 1936 में दो बात नागपुर विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। उनकी असाधारण प्रतिभा के कारण अंग्रेजों ने उन्हें सर की उपाधि से विभूषित किया था। डॉ. गौर देश के अनमोल रत्न एवम भारत-रत्न के वास्तविक हकदार हैं, जिन्हें अब तक भारत-रत्न से सम्मानित नही किया जाना न्यायोचित नहीं है। निखिल सोधिया/ईएमएस/24/12/2025