पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व.अटल बिहारी वाजपयी की जन्म शताब्दी के अवसर पर महापौर श्रीमती मालती राय ने किया स्कूली विद्यार्थियों का आव्हान भोपाल(ईएमएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व.श्री अटल बिहारी वाजपयी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में आयोजित संवाद कार्यक्रम में महापौर श्रीमती मालती राय ने स्व.श्री वाजपयी जी के जीवन से जुड़े प्रेरणादायक उद्गार साझा करते हुए सुभाष उत्कृष्टता विद्यालय के विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वह भी स्व.वाजपयी जी की तरह अपनी मेहनत से अपनी पहचान बनाए। महापौर श्रीमती राय ने कहा कि पढ़ाई को बोझ नहीं अवसर समझे और अनुशासन, मेहनत और अच्छे संस्कार ग्रहण करें यही आपकी सफलता की नीव है। महापौर श्रीमती राय ने कहा कि अटल जी जैसे महान व्यक्तित्व और उनके विचार व नेतृत्व आज हम सबके लिए मार्ग दर्शक है। संवाद कार्यक्रम में महापौर श्रीमती मालती राय ने विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया और कापी-किताबे भी वितरित की। इस अवसर पर पार्षद श्रीमती शिखा गोहल के अलावा विद्यालय के प्राचार्य एवं प्राध्यापक व विद्यार्थीगण मौजूद थे। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व.श्री अटल बिहारी वाजपयी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में बुधवार को राजधानी के सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय के छात्रों से अटल बिहारी वाजपयी जी के अचार-विचार से संबंधित संवाद किया। महापौर श्रीमती राय से सर्वप्रथम स्व.अटल बिहारी वाजपयी जी के चित्र पर माल्यापर्ण किया। महापौर श्रीमती राय ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कहा कि मुझे देश के महान व्यक्तित्व के जीवन और प्रेरणादायक बातों को साझा करते हुए अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। महापौर श्रीमती राय ने कहा कि अटल जी हमारे देश के महान नेता, कवि और सरल स्वभाव के साथ महान व्यक्तित्व के धनी थे। स्व.श्री वाजपयी का बचपन एवं विद्यार्थी जीवन अत्यन्त साधारण था परंतु उनमें सीखने की जिज्ञासा और आत्म विश्वास कूट-कूटकर भरा था। वह बचपन में अपना अधिकतर समय अध्ययन में व्यतीत करते और कविताएं लिखते तथा कोई सामने हो या न हो मंच पर बोलने का अभ्यास करते रहते थे। महापौर श्रीमती राय ने कहा कि अटल जी के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हालात जैसे भी, संसाधन कम हो, रास्ते कठिन हो परंतु हमें अपना इरादा मजबूत रखना चाहिए तो हमें आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता। महापौर श्रीमती राय ने बच्चों से कहा कि व अटल जी के इस वाक्य का सदैव अनुसरण करें कि बोलने से पहले सोचे और अपनी सोच में देश और समाज हित को सदैव सर्वोपरी रखे। हरि प्रसाद पाल / 24 दिसम्बर, 2025