अंतर्राष्ट्रीय
25-Dec-2025
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-ऐतिहासिक मुर्री ब्रेवरी पर लगा बैन शहबाज सरकार ने 50 साल बाद हटाया रियाद,(ईएमएस)। सऊदी अरब ने गुपचुप तरीके से गैर मुस्लिमों को शराब पीने की छूट दी है। इस कारण हाल ही में सऊदी की इकलौती शराब दुकान पर लंबी-लंबी लाइन देखने को मिली थी। अब शराब को लेकर पाकिस्तान में भी बड़ा फैसला किया है। पाकिस्तान की ऐतिहासिक मुर्री ब्रेवरी ने करीब 50 साल बाद एक मुकाम हासिल कर लिया है। देश में शराब के निर्यात पर दशकों से लगे बैन के बाद अब मुर्री ब्रेवरी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पाद बेचने की आधिकारिक अनुमति मिल गई है। इस पर लगा बैन हटा लिया गया है। इस फैसले को पाकिस्तान के शराब उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ माना जा रहा है। 1860 में ब्रिटिश शासन में स्थापित मुर्री ब्रेवरी पाकिस्तान की सबसे पुरानी शराब निर्माता कंपनी है। हालांकि यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि पाकिस्तान को विदेशी मुद्रा भंडार मिल सके। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुस्लिम बहुल देश में जहां शराब पीना और बेचना सख्त पाबंदी है, वहां इस ब्रेवरी का अब तक टिके रहना ही अपने आप में एक मिसाल है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के प्रमुख इस्फनयार भंडारा, जो तीसरी पीढ़ी के मालिक उन्होंने कहा कि उनके दादा और पिता दोनों ने शराब निर्यात की अनुमति पाने की कोशिश की थी, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। ऐसे में यह लाइसेंस उनके लिए एक भावनात्मक और कारोबारी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी बताया कि 2017 में उन्हें तब झटका लगा था, जब पाकिस्तान में एक चीनी कंपनी को शराब बनाने की अनुमति दी थी, जो मुख्य रूप से चीन के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए थी। आज मुर्री ब्रेवरी रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर के आधिकारिक निवास के सामने संचालित होती है, जहां सुरक्षा बेहद कड़ी रहती है। कंपनी का सालाना रेवेन्यू 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा है। पाकिस्तान में शराब की कानूनी बिक्री सिर्फ अल्पसंख्यकों और विदेशियों तक सीमित है। इसके बावजूद अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर चलता है, जिससे कई बार जहरीली शराब पीने से मौतें भी होती रही हैं। निर्यात पर रोक लगने से पहले मुर्री ब्रेवरी भारत, अफगानिस्तान, खाड़ी देशों और अमेरिका तक अपने उत्पाद भेजती थी। रिपोर्ट के मुताबिक भंडारा ने बताया कि कभी काबुल तक बीयर जाती थी, जो आज तालिबान शासन के कारण अकल्पनीय लगता है। अब कंपनी ने जापान, ब्रिटेन और पुर्तगाल में टेस्ट शिपमेंट भेजनी शुरू कर दी है। मुर्री ब्रेवरी का लक्ष्य मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार को समझना और अपनी पहचान बनाना है। घरेलू स्तर पर विज्ञापन पर बैन के चलते कंपनी विदेशों में ब्रांड प्रमोशन को एक बड़े मौके के तौर पर देख रही है। इस कंपनी में करीब 2,200 कर्मचारी हैं। यह कंपनी अब यूरोप के साथ-साथ एशिया और अफ्रीका के बाजारों पर भी नजर रखे हुए है। सिराज/ईएमएस 25दिसंबर25