राष्ट्रीय
26-Dec-2025
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-ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा का दावा नई दिल्ली,(ईएमएस)। ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने दावा किया है कि राहुल गांधी के विदेश दौरों के दौरान भारतीय दूतावास के अधिकारी उन पर नजर रखते हैं और कई बार विदेशी नेताओं से उन्हें न मिलने को कहा जाता है। पित्रोदा ने राहुल गांधी के दौरे को लेकर यह दावा किया है। इसमें उन्होंने कहा कि मैने खुद देखा है कि राहुल गांधी के होटल, मीटिंग्स और एयरपोर्ट पर उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। हालांकि इसके सबूत नहीं हैं, लेकिन अनुभव के आधार पर यह बात कह रहा हूं। वहीं सैम पित्रोदा ने बीजेपी के राहुल गांधी पर देश की छवि को नुकसान पहुंचाने के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया। जर्मनी दौरे की टाइमिंग पर उन्होंने कहा कि विदेश यात्राएं अचानक तय नहीं होतीं, बल्कि महीनों पहले से उनका कार्यक्रम बनता है। राहुल गांधी पर विदेश जाकर भारत की छवि खराब करने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि सच तो सच होता है, चाहे वह भारत में बोला जाए या विदेश में। डबल स्टैंडर्ड नहीं हो सकते। जॉर्ज सोरोस और विदेशी फंडिंग से जुड़े आरोपों पर पित्रोदा ने कहा कि ये पूरी तरह बेबुनियाद हैं। राहुल गांधी या कांग्रेस का किसी भी तरह के एंटी-इंडिया नेटवर्क से कोई संबंध नहीं है। सब बकवास है। हम यूनिवर्सिटी जाते हैं, पब्लिक स्पेस में बात करते हैं। कौन किससे जुड़ा है, हमें न पता है और न हमें फर्क पड़ता है। क्रिसमस के दौरान चर्चों पर हमलों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा की समाज में कोई जगह नहीं है। ऐसी घटनाएं भारत की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं और यह नफरत का नतीजा हैं। सैम पित्रोदा ने कहा कि मनरेगा की जगह लाए गए जी-राम-जी कानून में राम के नाम का इस्तेमाल क्यों किया गया। महात्मा गांधी के नाम से योजना चल रही थी, उसमें क्या दिक्कत थी? प्रधानमंत्री किसी एक समुदाय के नहीं, पूरे देश के होते हैं। धर्म निजी आस्था हो सकती है, लेकिन शासन की प्राथमिकता नहीं। लोकतंत्र और चुनाव प्रणाली पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि भारत समेत कई देशों में संस्थाएं दबाव में हैं। ईवीएम, वोटर लिस्ट और चुनाव आयोग को लेकर भरोसे की कमी है। दुनिया के कई देशों हंगरी, तुर्की, अमेरिका और भारत में लोकतांत्रिक संस्थाएं दबाव में हैं। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को लेकर पित्रोदा ने कहा कि भारत को सबसे पहले अपने पड़ोस पर ध्यान देना चाहिए। हिंसा कहीं भी हो, उसका कोई औचित्य नहीं है। भारत अगर ‘विश्व गुरु’ बनना चाहता है तो पहले अपने पड़ोस बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान में स्थिरता और शांति के लिए नेतृत्व दिखाना होगा। सिराज/ईएमएस 26दिसंबर25