वाराणसी (ईएमएस) । राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप, कला संकाय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025–26 से “ओडिया अध्ययन (Odia Studies)” शीर्षक से एक नया एबिलिटी एनहैंसमेंट कोर्स (Ability Enhancement Course – AEC) शैक्षणिक पाठ्यक्रम आरंभ किया गया है। यह पाठ्यक्रम कला संकाय में स्थापित कवि सम्राट उपेन्द्र भंज ओडिया पीठ के के अंतर्गत संचालित होगा। यह पीठ उच्च शिक्षा एवं संस्कृति मन्त्रालय, ओडिशा सरकार एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मध्य किए गए एमओयू (Memorandum of Understanding) के अन्तर्गत ओडिशा सरकार के द्वारा उपलब्ध धनराशि से जनवरी, २०२५ से कला संकाय में कार्यरत है।उपर्युक्त (Ability Enhancement Course – AEC) शैक्षणिक पाठ्यक्रम का उद्देश्य क्षेत्रीय भाषा शिक्षा को सुदृढ़ करना, सांस्कृतिक साक्षरता को बढ़ावा देना तथा समग्र अधिगम को प्रोत्साहित करना है। यह कार्यक्रम भारतीय भाषाओं, ज्ञान प्रणालियों, कौशल विकास तथा अनुभवात्मक शिक्षण पर एनईपी 2020 के विशेष बल को प्रतिबिंबित करता है। स्नातक स्तर के विद्यार्थियों हेतु एबिलिटी एनहैंसमेंट पाठ्यक्रम के रूप में, यह कार्यक्रम ओड़िया भाषा की सशक्त आधारशिला प्रदान करता है, जिसमें उसकी लिपि, व्याकरण, शास्त्रीय पहचान तथा क्षेत्रीय विविधताओं का अध्ययन शामिल है। बहुभाषिकता और मातृभाषा-आधारित शिक्षण पर बल देते हुए, इसमें ओडिशा की समृद्ध मौखिक परंपराओं, जैसे लोक कहावतें, लोकगीत, लोककथाएँ और प्रदर्शन परंपराएँ आदि को प्रमुखता दी गई है, जिन्हें स्वदेशी ज्ञान और सामूहिक स्मृति के महत्वपूर्ण भंडार के रूप में मान्यता प्राप्त है। पाठ्यक्रम का एक प्रमुख घटक भाषायी संप्रेषण और कौशल विकास है, जिसमें वक्तृत्व, वाद-विवाद, समूह चर्चा, साक्षात्कार तथा विज्ञापन, फीचर लेखन, टिप्पणी लेखन और सोशल मीडिया जैसे समकालीन अभिव्यक्ति रूपों को सम्मिलित किया गया है। अनुवाद अभ्यास और शब्दावली विकास के माध्यम से रोजगारोन्मुख भाषा कौशल को और सुदृढ़ करने पर बल दिया गया है, जो एनईपी के व्यावहारिक दक्षताओं पर केंद्रित दृष्टिकोण के अनुरूप है। पाठ्यक्रम में ओड़िआ लिखित साहित्य के विविध रूपों का भी परिचय कराया गया है, जिसमें शास्त्रीय धार्मिक और काव्यात्मक ग्रंथों से लेकर आधुनिक गद्य, जीवनी और कथा-साहित्य तक सम्मिलित हैं। चयनित पाठों के माध्यम से विद्यार्थियों में आलोचनात्मक चिंतन, ऐतिहासिक चेतना और व्याख्यात्मक कौशल के विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा, जो एनईपी द्वारा परिकल्पित शिक्षार्थी-केंद्रित एवं अन्वेषण-आधारित शिक्षण पद्धति के अनुरूप है। भाषा और साहित्य के साथ-साथ, यह पाठ्यक्रम ओडिशा के धर्म, कला और संस्कृति पर एक समेकित दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करता है, जिसमें प्रमुख धार्मिक परंपराएँ, पर्व-त्योहार, मंदिर स्थापत्य, शिल्प परंपराएँ, लोक एवं जनजातीय कला रूप तथा ओडिसी नृत्य और संगीत जैसी प्रदर्शन कलाएँ शामिल हैं। यह घटक एनईपी द्वारा निर्देशित भारतीय ज्ञान प्रणालियों (IKS) और सांस्कृतिक शिक्षा के उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में एकीकरण के प्रयास को साकार करता है। समग्र रूप से, यह पाठ्यक्रम भाषायी दक्षता, सांस्कृतिक धरोहरों से जुड़ाव, आलोचनात्मक समझ और प्रभावी संप्रेषण कौशल को विकसित करने का लक्ष्य रखता है, साथ ही अंतर्विषयक अधिगम और सांस्कृतिक निरंतरता को प्रोत्साहित करता है। ओड़िआ अध्ययन में एईसी एनईपी 2020 की भावना के अनुरूप विद्यार्थियों को शैक्षणिक, व्यावसायिक और सामाजिक संदर्भों में ओड़िया भाषा और विरासत के साथ सार्थक सहभागिता के लिए तैयार करने का प्रयास करता है। डॉ नरसिंह राम/26 दिसंबर2025