अंतर्राष्ट्रीय
29-Dec-2025
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होम्स,(ईएमएस)। सीरिया के प्रमुख शहर होम्स में रविवार को तनाव उस समय हिंसक झड़पों में बदल गया जब धार्मिक अल्पसंख्यक अलवी समुदाय के प्रदर्शनकारियों और उनके विरोधी पक्ष के बीच आमना-सामना हुआ। स्वास्थ्य अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन हिंसक घटनाओं में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि दर्जनों अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है और तनाव अन्य शहरों तक भी फैल गया है।तनाव की हालिया शुरुआत दो दिन पहले हुई थी, जब होम्स की एक अलवी मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के दौरान एक भीषण बम धमाका हुआ था। उस हमले में आठ लोगों की जान चली गई थी और 18 लोग घायल हुए थे। प्रारंभिक जांच के अनुसार, मस्जिद में विस्फोटक उपकरण पहले से लगाए गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी सराया अंसार अल-सुन्ना नामक एक अल्पज्ञात समूह ने ली है, जिसने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य अलवी संप्रदाय के लोगों को निशाना बनाना था। मृतकों के अंतिम संस्कार के बाद से ही समुदाय में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। रविवार को प्रदर्शनों का सिलसिला लजीकिया, तरतूस और अन्य इलाकों तक पहुंच गया। ये प्रदर्शन सुप्रीम अलवाइट इस्लामिक काउंसिल के प्रमुख शेख गजल गजल के आह्वान पर आयोजित किए गए थे। लजीकिया में स्थिति तब बेकाबू हो गई जब सरकार समर्थक प्रतिपक्षी गुट और अलवी प्रदर्शनकारी आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर जमकर पत्थरबाजी की। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्थिति को नियंत्रित करने और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों को हवा में गोलियां चलानी पड़ीं। हिंसा के दौरान लजीकिया में सुरक्षा बलों की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। वहीं, तरतूस क्षेत्र से भी हिंसा की खबरें सामने आई हैं। सरकारी सूचना के अनुसार, यहां एक थाने पर हथगोला फेंका गया, जिसमें सुरक्षा बलों के दो सदस्य घायल हो गए। बाद में हुई गोलीबारी में सुरक्षा बल का एक जवान शहीद हो गया। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुष्टि की है कि रविवार की इन विभिन्न झड़पों में कुल तीन लोग मारे गए और लगभग 60 लोग घायल हुए हैं। सुरक्षा बलों ने दोनों गुटों को अलग करने के लिए कई इलाकों में मोर्चा संभाल लिया है, लेकिन कट्टरपंथी समूहों द्वारा अलवी संप्रदाय को निशाना बनाए जाने की धमकियों के बाद से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। प्रशासन अब उन संदिग्धों की पहचान करने में जुटा है जिन्होंने मस्जिद हमले की साजिश रची थी, ताकि आगे की हिंसा को रोका जा सके। वीरेंद्र/ईएमएस/29दिसंबर2025