अंतर्राष्ट्रीय
30-Dec-2025
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-विशेषज्ञ बोले- यह तकनीक भविष्य के हवाई युद्ध की दिशा और रणनीति को बदल देगी तुर्किए,(ईएमएस)। तुर्किए ने आधुनिक सैन्य तकनीक के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। तुर्की की डिफेंस कंपनी बायकर ने बताया कि उसके दो किजिलेमा बिना पायलट वाले लड़ाकू विमानों ने दुनिया की पहली पूरी तरह ऑटोनॉमस क्लोज फॉर्मेशन फ्लाइट सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। खास बात यह है कि इस उड़ान में किसी भी तरह का मानव हस्तक्षेप नहीं था और पूरा संचालन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए किया गया। मीडिया रिपोर्ट में बायकर के मुताबिक दोनों जेट्स ने अपने ऑनबोर्ड एआई सिस्टम, सेंसर और रियल टाइम डेटा शेयरिंग की मदद से बेहद नजदीक रहते हुए एक साथ उड़ान भरी। यह काम हाई स्पीड पर किया गया, जो आमतौर पर मानवरहित विमानों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण माना जाता है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अब तक किसी भी देश ने हथियारों से लैस, जेट इंजन वाले ड्रोन विमानों के बीच इस तरह की पूरी तरह स्वचालित सामूहिक उड़ान को सार्वजनिक रूप से नहीं दिखाया था। यह परीक्षण तुर्किए के हवाई क्षेत्र में किया गया। उड़ान के दौरान दोनों ने आपसी दूरी, दिशा और गति को सटीक तरीके से बनाए रखा। क्लोज फॉर्मेशन फ्लाइट को ड्रोन तकनीक की सबसे जटिल चुनौतियों में से एक माना जाता है, क्योंकि इसमें टकराव से बचाव, तालमेल और तेज फैसलों की जरूरत होती है। किजिलेमा ड्रोन को पहली बार 2022 में पेश किया गया था! यह पारंपरिक निगरानी या सीमित हमले वाले ड्रोन से अलग है! इसे खास तौर पर दुश्मन के हवाई क्षेत्र में ऑपरेशन, हवा से हवा में लड़ाई और मानव आधारित फाइटर जेट्स के साथ मिलकर काम करने के लिए डिजाइन किया गया है! इसमें स्टेल्थ डिजाइन, इंटरनल वेपनरी सिस्टम और एआई आधारित फ्लाइट कंट्रोल शामिल हैं। यह ड्रोन एक टर्बोफैन इंजन से लैस है और इसका अधिकतम टेकऑफ वजन करीब 6,000 किलोग्राम है। यह जमीन के साथ-साथ तुर्की नौसेना के टीसीजी अनाड्यूल जैसे जहाजों से भी उड़ान भर सकता है, जहां कैटापल्ट सिस्टम की जरूरत नहीं होती। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह तकनीक भविष्य के हवाई युद्ध की दिशा और रणनीति को पूरी तरह बदल देगी। सिराज/ईएमएस 30दिसंबर25