मुम्बई (ईएमएस)। भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की पिच रेटिंग प्रणाली पर निशाना साधा है। गावस्कर ने कहा कि एशेज में मैच दो से तीन दिन में खत्म हो रहे हैं पर पिचों को लेकर आईसीसी ने कोई सख्त प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं जब ऐसा भारत या अन्य एशियाई देशों में होता है तो पिचों को खराब करार दे दिया जाता है। गावस्कर ने कहा कि मेलबर्न क्रिकेट मैदान में खेला गया चौथा एशेज टेस्ट दो दिन में ही समाप्त हो गया था। इसमें पहले ही दिन कुल 20 विकेट गिर गए, जो ऑस्ट्रेलिया में किसी टेस्ट के पहले दिन गिरे विकेटों के हिसाब से सबसे अधिक था। वहीं दूसरे दिन भी 16 और विकेट गिरे, जिसके बाद मुकाबला दो दिन भी नहीं चल पाया। इसके बाद भी आईसीसी ने पिच को खराब नहीं बताया। गावस्कर ने पर्थ में खेले गए पहले एशेज टेस्ट का भी मामल उठाया और कहा कि उसमें भी मैच दो दिन के अंदर समाप्त हो गया था। तब भी आईसीसी ने कोई नकारात्मक प्रतिक्रिय नहीं दी। गावस्कर ने मैच रेफरी पर भी सवाल उठाये और कहा कि पर्थ टेस्ट में रंजन मदुगले के रहते पिच को काफी अच्छा कहा गया, जबकि मेलबर्न टेस्ट में नए मैच रेफरी जेफ क्रो होने के कारण उसी तरह की पिच को केवल अच्छा कहा गया जबकि दोनो ही मैच दो दिन ही चले। गावस्कर ने कहा कि दूसरी ओर अगर ऐसा ही कुछ भारतीय पिचों पर होता है तो क्यूरेटरों पर सवाल उठाये जाते हैं। गावस्कर ने कहा कि पर्थ और मेलबर्न की पिचों को कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी खराब बताया था फिर भी आईसीसी ने कोई कठोर प्रतिक्रिया नहीं दी। ईएमएस 30 दिसंबर 2025